विश्व महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर हुआ कार्यक्रमों का आयोजन
- आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं को बताए हिंसा से बचाव के तरीके
हिंसा की खिलाफत के लिये महिलाओं को प्रोत्साहित किया
शिवपुरी। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं को हिंसा की खिलाफत करने के लिये प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रमों में महिलाओं को धरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संरक्षण,लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध आदि कानूनों की जानकारी देकर उन्हें हिंसा की खिलाफत करने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित किया गया। महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देकर सहयोगी संस्थाओं एवं हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी दी गई। महिलाओं के लिये सरकार द्वारा संचालित हेल्पलाइन 181 एवं बच्चों के लिये संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी दी गई। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं एवं बालिकाओं ने हिंसा की खिलाफत के पोस्टर बनाएं तो कहीं चित्रों का माध्यम से हिंसा से बचाव के तरीके बताए।
वन स्टॉप सेंटर में हिंसा पीड़ित को एक छत के नीचे मिलतीं है सभी सुविधाएं
हिंसा पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं अब इधर- उधर भटकना नहीं पड़ता है। उन्हें हर आवश्यक मदद एक छत के नीचे उपलब्ध कराई जाती है। वन स्टॉप सेंटर एक ऐसी जगह है जहां अस्थाई आश्रय सुविधा से लेकर विधिक सहायता,कानूनी परामर्श, परिवार परामर्श, चिकित्सा सहायता,पुलिस सहायता जैसी सभी सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध कराईं जाती है।
यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रशासक कंचन गौड़ ने उपस्थित महिलाओं को देते हुए कहा कि हम सभी का यह कर्तव्य है कि महिलाओं के विरूद्ध होने वाली हिंसा को मिटाने में सहायक बनें। कार्यक्रम में उप निरीक्षक बलविन्दर संधु ने कहा कि जानकारी के अभाव में घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाएं अन्याय सहन करतीं है। उन्हें वन स्टॉप सेंटर की सुविधाओं की जानकारी मिल जाये तो सायद वह इन सुविधाओं का लाभ लेकर खुशहाल जीवन जी सकती है। कार्यक्रम में पर्यवेक्षक अंगूरी बाथम, आरती खटीक एवं पीएलवी नीरू रावत उपस्थित रहे।
हिंसा आर्थिक और सामाजिक विकास की बाधा
शहर के न्यू ब्लॉक में आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रागिनी शर्मा ने कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें ममता संस्था की कॉर्डिनेटर कल्पना रायजादा ने महिलाओं को उनके अधिकारों से परिचित कराते हुए हिंसा की खिलाफत न करने पर उसके पारिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी दी।
अब खामोशी क्यों ?
आदिवासी बस्ती मनियर आंगनबाड़ी केंद्र पर पर्यवेक्षक निवेदिता मिश्रा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा राठौर ने महिलाओं को हिंसा की खिलाफत के लिये प्रेरित करने के लिये रैली का आयोजन किया। केंद्र पर सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन ने महिलाओं को उनके अधिकारों से परिचित कराते हुए महिला हेल्पलाइन नंबर 181 की जानकारी देते हए कहा कि आपकी सभी समस्याओं का हल सिर्फ एक फोन कॉल पर होगा, फिर खामोशी क्यों ?
महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बनें
शहर के घोसीपुरा आंगनबाड़ी केंद्र पर बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिये संचालित मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना की जानकारी देते हुए कहा कि जो महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर होतीं है,उन्हें अधिक हिंसा का सामना करना पड़ता है। यदि महिला आर्थिक रूप से सशक्त हो तो वह हिंसा की खिलाफत आसानी से कर सकती है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सलमा बानो को क्षेत्र की हिंसा पीड़ित महिलाओं का सर्वेक्षण कर उन्हें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिलाने के लिये निर्देशित किया।

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