शिवपुरी। महाराष्ट्र विधि विश्वविद्यालय, नागपुर के छात्र नमन शर्मा ने सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखा है।
नमन ने पत्र में लिखा कि हाल ही के वर्षों में भारत में अधिवक्ताओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हुई है । अधिवक्ता जिनसे कानून के शासन को बनाए रखने और न्याय सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है वह आज हिंसा, उत्पीड़न और डराने धमकाने का निशाना बन गए हैं । मध्य प्रदेश इन अपराधों का अपवाद नहीं है और ऐसे कई उदाहरण हैं जहां अधिवक्ताओं पर हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई । नमन ने लिखा कि ऐसे कई अंतर्राष्ट्रीय मानक और नियम है जो यह स्पष्ट करते हैं कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा करना राज्यों की जिम्मेदारी है । बेसिक प्रिंसिपल ऑन द रोल ऑफ लॉयर्स 1990, अपराध की रोकथाम और अपराधियों के उपचार पर आठवीं संयुक्त राष्ट्र कांग्रेस, क्यूबा के अनुच्छेद 16, मानवाधिकार रक्षकों पर संयुक्त राष्ट्र उद्घोषणा के अनुच्छेद 12, संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) द्वारा प्रकाशित आपराधिक न्याय प्रणाली में कानूनी सहायता तक पहुंच पर संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत और दिशानिर्देश के सिद्धांत 12, अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए राज्य पर दायित्व डालते हैं।
नमन ने लिखा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2 जुलाई 2021 को अधिवक्ता संरक्षण विधेयक 2021 का प्रारूप तैयार किया था एवं कई राज्यों से अनुरोध किया था कि वे अधिवक्ताओं की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाए लेकिन उनके अनुरोध एवं हजारों अधिवक्ताओं की मांग को अनसुना कर दिया गया । 2012 में अपने आवास पर वकीलों की सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का आश्वासन दिया था लेकिन उसके बाद भाजपा एवं कांग्रेस सरकार द्वारा अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू नहीं किया गया ।
इस विषय पर नमन ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश सरकार अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाएं । ऐसा कानून अधिवक्ताओं एवं उनके परिवारों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा ।
आपको बता दें कि नमन शर्मा, मध्य प्रदेश के जिला शिवपुरी के निवासी हैं एवं वे अभी महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधी विश्वविद्यालय, नागपुर में अध्ययन कर रहे हैं।

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