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जानिये क्या है, राष्ट्रीय साहित्य वाटिका

मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। राष्ट्रीय साहित्य वाटिका की प्रथम स्मारिका का पीडीएफ के स्वरूप में विमोचन हुआ। बता दे कि साहित्यिक संस्था, राष्ट्रीय साहित्य वाटिका, साहित्य जगत में अपना एक विशेष स्थान स्थापित कर चुकी है। इसी क्रम में गत दिवस रात 8 बजे संस्था के व्हाट्सअप समूह पर इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संचालन करते हुए संस्था अध्यक्ष विकास शुक्ल प्रचण्ड ने बताया कि काव्य को किस प्रकार छंद वद्धता प्रदान की जाती है। काव्य को व्याकरण के मानदंडों पर किस प्रकार उतारा जाता है, इसका स्पष्ट उदाहरण साहित्य वाटिका है, यहां कई नवांकुरों ने निरंतर सृजन कर सफलता अर्जित की है। पीडीएफ स्मारिका का विमोचन कार्यक्रम मुख्य अतिथि राम पंडित  द्वारा किया गया। राम पंडित ने कहा कि स्मारिका का विमोचन साहित्य वाटिका की सफलता का नया आयाम है। इसी प्रकार यह वाटिका पुष्पित पल्लवित होती रहे।
विशिष्ट अतिथि प्रदीप अवस्थी सादिक व सतीश दीक्षित किंकर रहे। सादिक  ने संस्था के अथक परिश्रम का जिक्र करते हुए कहा कि विकास शुक्ल प्रचण्ड की अध्यक्षता में यह वाटिका निरंतर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है, यहां आकर कई लोगों ने कविता को जाना है, पहिचाना है। सतीश दीक्षित किंकर ने अपने उद्बोधन में समस्त पदाधिकारियों को बधाई देते हुए संस्था के क्रियाकलापों का वर्णन किया और कहा कि मैं स्वयम इस संस्था से जुड़कर गौरान्वित हूँ। समारोह अध्यक्ष राकेश मिश्रा रंजन ने सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि इस स्मारिका में संस्था के उद्देश्य, गतिविधि व पदाधिकारियों के विचार एवम संकल्पों का वर्णन है, और आगे आने वाली स्मारिका में निरंतर सृजनशील साहित्यकारों की रचनाओं का संकलन कर प्रकाशित किया जाएगा। अंत में संस्था के उपाध्यक्ष सर्वेश उपाध्याय सरस ने सभी का आभार प्रकट किया एवम बधाई दीं, और कहा कि यह प्रयास प्रशंसनीय रहा और हम सभी मिलकर निरन्तर ऐसे ही उपक्रम लाते रहेंगे। कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए विकास शुक्ल प्रचण्ड ने कहा कि माँ शारदे की कृपा से हम सभी नित नूतन सृजन करते रहें, और अपनी साहित्य साधना को गति देते हैं। इस सुअवसर पर उर्वशी शर्मा, सुदर्शन शर्मा, निधि जैन , अनिता त्रिपाठी, नितिन त्रिगुणायत, राहुल चौहान, मृदुल ओझा, राजेश शर्मा , नंदन मिश्र, अनामिका जैन, नाथूलाल मेघवाल, शोनु सुरीला, दीपांजली दुबे, कृष्णकान्त पलिया, यतीश अकिंचन,  अर्चना वर्मा, अरुणेश रमन, गिर्राज शर्मा, दिनेश पांडेय, शरद गोस्वामी, राजकुमार चौहान और अन्य साहित्यकार उपस्थित रहे।






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