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#धमाका_न्यूज: डांडे मार्शल आर्ट अकैडमी शिवपुरी की 5 खिलाड़ी पेंचक सिलाट खिलाड़ी अस्मिता वूमेन लीग में भाग लेने इंदौर रवाना

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शिवपुरी। डांडे मार्शल आर्ट अकैडमी शिवपुरी की पांच बालिका खिलाड़ी पेंचक सिलाट खिलाड़ी अस्मिता वूमेन लीग में भाग लेने के लिए इंदौर रवाना हुई। 
जिला पेंचक सिलाट एसोसिएशन शिवपुरी के महासचिव सैंसुइ हितेंद्र सिंह डांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 से 13 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश पेंचक सिलाट एसोसिएशन के मार्गदर्शन में जिला पेंचक सिलाट इन्दोर द्वारा राज्य स्तरीय अस्मिता वूमेन लीग पेंचक सिलाट प्रतियोगिता का आयोजन इन्दोर में किया जा रहा है यह पूर्ण प्रतियोगिता मध्य प्रदेश पेंचक सिलाट एसोसिएशन के महासचिव अभय श्रीवास एवं अध्यक्ष अवरार हेमद शेख के देख रेख में आयोजित की जायेगी , प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जिला शिवपुरी की टीम कोच हितेंद्र सिंह डांडे के साथ 11 जुलाई को बस द्वारा शिवपुरी से इंदौर रवाना हुई , राज्य स्तरीय अस्मिता वूमेन लीग पेंचक सिलाट में भाग लेने वाले शिवपुरी की पांच वूमेन खिलाड़यों के नाम रिधिमा डांडे, खुशी कुशवाह, भक्ति पाराशर, अनुष्का रावत, एवं मुस्कान कोली रवाना हुई।।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली बालिका खिलाड़ीयों की जीत की कामना करते हुए जिला शिवपुरी खेल अधिकारी DSO डॉ.के.के.खरे, फिजिकल कॉलेज के प्राचार्य वीरेंद्र वर्मा एवं कुलदीप डांडे, हेमंत गुर्जर, चंद्रदीप सिंह डांडे, दीपक श्रीवास, समीर प्रजापति , ईशान सिंह सभी डांडे मार्शल आर्ट अकैडमी शिवपुरी के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ खिलाड़ीयों ने प्रतियोगिता में जीत के लिए बधाइयां और शुभकामनाएं दी हैं।








#धमाका_शेम_शेम: मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के तत्कालीन डीन डॉ केवी वर्मा मिले दोषी, मनमर्जी से दे दी थी पत्नी को नियुक्ति, आउटसोर्स कर्मचारियों को भी दिया नियमित पाठ्यक्रम में प्रवेश

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* डीएमई ने असंचयी प्रभाव से रोकीं तत्कालीन प्रभारी डीन की दो वार्षिक वेतन वृद्धि
शिवपुरी। शिवपुरी स्थित श्रीमंत राजमाता सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय के तत्कालीन डीन को कई मामलों में दोषी मानते हुए दो साल की वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी गई हैं। उन पर स्टाफ के शोषण सहित तमाम प्रशासनिक एवं आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे थे और शिकायतें सामने आई थीं। इन आरोपों की शिकायतों की जांच उपरांत डायरेक्टोरेट आफ मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) ने कारवाई अंजाम देते हुए आउट सोर्स कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम में प्रवेश देने, पत्नी को मेडिकल कालेज में डायटीशियन के पद पर नियुक्त करने सहित कई अन्य मामलों में दोषी मानते हुए उनकी दो साल की वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी हैं। 
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रभारी डीन डा केबी वर्मा पर स्टाफ नर्स लोकेश नामदेव द्वारा आत्महत्या के प्रयास के पश्चात लोकेश नामदेव को लगातार ज्वाइनिंग के सम्बंध में परेशान करने, डीन के स्टेनो जुगल यादव व वाहन चालक विनोद रावत को मेडिकल कालेज में संचालित नियमित डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने, अपनी पत्नी रिंकी वर्मा को महाविद्यालय में डायटीशियन के रूप में रखने के पूर्व किसी सक्षम प्राधिकारी अथवा समिति से अनुमोदन नहीं लिए जाने, कालेज में स्थाई अधिकारी, कर्मचारी उपलब्ध होने के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारी को महाविद्यालय में नर्सिंग हास्टल वार्डन जैसे जिम्मेदार पद का प्रभार दिए जाने, कालेज में महिला प्राध्यापक व सह प्राध्यापक होने के बावजूद पुरूष कर्मचारी को इन्टर्न हास्टल का सहायक वार्डन बनाकर उनमें निवास करने की अनुमति देने, विनोद रावत पर ड्रायविंग लायसेंस न होने पर भी उनकी ड्यूटी चिकित्सा महाविद्यालय के सभी वाहनों पर ड्राइवर के रूप में लगाये जाने संबंधी आरोप लगाते हुए शिकायत डीएमई दिनेश श्रीवास्तव को दर्ज कराई गईं। उक्त मामलों की जांच और तत्कालीन डीन डा केबी वर्मा के जबाव उपरांत डीएमई ने पाया कि डा केबी वर्मा द्वारा स्वयं के स्टाफ में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को कार्य के साथ-साथ मेडिकल कालेज में नियमित पाठ्यकमों में दाखिला दिया गया। यह बात उनके संज्ञान में आने के बाद भी किसी एक जगह से कार्यमुक्त न करते हुए अनुचित लाभ दिया जाना सही पाया गया। डा वर्मा की पत्नी रिंकी वर्मा को महाविद्यालय में डायटीशियन के रूप में रखने के पूर्व अनुमति व अनुमोदन न लेना व भुगतान किया जाना डा वर्मा की पक्षपातपूर्ण एवं मनमानी कार्यप्रणाली को दर्शाता है। इसके अलावा महाविद्यालय में अन्य वरिष्ठ एवं स्थायी अधिकारी, कर्मचारी होने के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारी को नर्सिंग हास्टल के सहायक वार्डन बनाकर नर्सिंग हास्टल में निवास करने की अनुमति देने सम्बंधी शिकायत सही पाई गई है। महाविद्यालय में आडटसोर्स कर्मचारी विनोद रावत अनस्किल्ड कर्मचारी जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसे महाविद्यालय के वाहन में ड्राइवर के रूप में कार्य लिया जाना लापरवाही को दर्शाता 
है। मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 (क) सहपठित नियम 10 (4) के तहत तथा मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018 के नियम 14 (3) अंतर्गत दो वार्षिक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश दिए हैं।
सूची में कांट-छांट के मामले में भी रूकी वेतनवृद्धि
तत्कालीन डीन डा केबी वर्मा द्वारा उनके पत्र क्रमांक 8615-16 स्था./अराज/2023 दिनांक 31.07.2023 से गैर-शैक्षणिक संवर्ग की सूची संभागीय आयुक्त के हस्ताक्षर उपरांत अनुमोदन हेतु संचालक चिकित्सा शिक्षा मध्यप्रदेश भोपाल को भेजी गई। इसके पश्चात कार्यालयीन पत्र कमांक 9280/स्था./अराज/2023 दिनांक 14.08.2023 से संशोधित सूची भेजी गई। गैर शैक्षणिक संवर्ग की सूची-4 के कालम 2 में शैक्षणिक अर्हता में हस्तलिखित संशोधन कर संशोधित अनुसूची भेजी गई। इसमें डीन द्वारा मनमर्जी से कांट-छांट कर संशोधन किया गया। इसे डीएमई ने उनकी स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता एवं कदाचरण माना। इस मामले में डीएमई ने उनकी एक वार्षिक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश जारी किए हैं।
आरम्भ से ही जो आया भरपूर किया दोहन
मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में शुरू से आरोप उछलते रहे हैं। वर्तमान में फिर शिवपुरी में सेवारत इला गुजरिया पर तत्सम्य गंभीर आरोप लगे थे जिसके चलते उनका तबादला किया गया था अब फिर शिवपुरी में है! उसके बाद भी लगातार आरोप अन्य लोगों पर लगते रहे हैं जबकि ताजा मामला पूर्व डीन केवी वर्मा पर है। 

#धमाका_बड़ी_खबर: तो हम सभी सरपंच दे देंगे इस्तीफा! कलेक्टर साहब मामले की तह तक जाना जरूरी, "पत्रकार" यानी चौथे स्तंभ की इज्ज़त का है सवाल, देखिए video

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शिवपुरी। आजकल चौथे स्तंभ की प्रतिष्ठा पर लगातार लोग सवाल उठा रहे हैं। एकाएक इस फील्ड में आया सैलाब सही गलत का भेद नहीं कर पा रहा। कई भेड़ियों ने शेर की खाल ओढ़कर पत्रकार का तमगा लगा लिया है लेकिन असली मकसद धन वसूली है। अभी तो जिले के शिक्षक, सचिव कुछ तथा कथित पत्रकारों से परेशान थे जबकि आज कलेक्ट्रेट पर जब जिले के सरपंचों ने एकत्रित होकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा तो सनाका खिंच गया है। उन्होंने नाम लेकर कहा कि फलां व्यक्ति को आईडी के साथ अपने आपको पत्रकार कहता है वह पूरे जिले में मस्जिद बनाने की बात करता है और सरपंचों से रुपए मांग रहा है। न देने पर धमकी देता है। सरपंचों ने कलेक्टर रवीन्द्र कुमार से पूरे मामले की जांच करवाकर उसकी आईडी जब्त करने और केस दर्ज करने की मांग की है। ऐसा नहीं हुआ तो जिले के सरपंच इस्तीफा दे देंगे।
 (देखिए video सुनिए सरपंचों का दर्द)
कुल मिलाकर आरोप संगीन है और इसकी जांच होना चाहिए। जिससे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की इज्ज़त बची रहे।








#धमाका_न्यूज: जरा ध्यान से देखिए प्रकृति की गोद में बैठकर हरियाली का लुत्फ उठाता टाइगर, लोग बोले, ये तांडव तो नहीं ? वायरल video

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Shivpuri शिवपुरी। दोस्तों शिवपुरी के घने जंगल ने हरियाली की चादर ओढ ली है। हर कोई इस हरियाली को देखकर वाओ करते नहीं थकता तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि जंगल के वन्य प्राणी इस रोमांच से वंचित हो जाएं। आज एक ऐसे ही vairal video ने खूब चर्चा बटोरी है। एक टाइगर किसी पुलिया पर आराम से बैठा हुआ है। गर्दन हिलाते हुए नजर आ रहा है ठीक ऐसे जैसे प्रकृति का आनंद ले रहा हो।
                (देखिए video)
लोगों ने देखा तो उन्हें माधव टाइगर रिजर्व के तांडव की याद ताजा हो गई जो इन दिनों पर्यटकों को झांसी रोड पर नजर आ जाता है। इस वीडियो को देखकर लोगों ने फिर कहा कहीं ये तांडव तो नहीं ? हालांकि धमाका न्यूज शिवपुरी भी इसकी पुष्टि नहीं करता। हालांकि दावा किया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के पीलीभीत का यह वीडियो 5 जुलाई का है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।








#धमाका_धर्म: हरिद्वार से शुरू हुई कावड़ यात्रा, गंगाजल लेकर रवाना हुए भोले के भक्त

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हरिद्वार। श्रावण मास के पहले दिन हरिद्वार का माहौल पूरी तरह शिवमय नजर आया. देशभर से पहुंचे शिव भक्तों ने अपनी मान्यताओं के अनुसार हर की पैड़ी से गंगाजल भरकर कावड़ यात्रा का आरंभ किया. बोल बम के जयकारों के साथ कांवड़िए अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए. आस्था, श्रद्धा और रंग-बिरंगी कावड़ों से सजा हरिद्वार का यह दृश्य हर किसी को आकर्षित कर रहा है. इसी के साथ आज 11 जुलाई, शुक्रवार को कावड़ यात्रा Kawad Yatra 2025 की विधिवत शुरुआत हो गई है.देश के अलग-अलग राज्यों से हरिद्वार पहुंचे शिव भक्तों ने यात्रा शुरू करने से पहले हर की पैड़ी पर गंगा स्नान किया.
ऐसे भरा जाता है गंगाजल
कावड़ यात्रा शुरू करने से पहले हर की पैड़ी से कावड़ पात्र में जल भरा जाता है. लेकिन, इससे पहले कावड़ पात्रों को पवित्र करना जरूरी होता है. गंगा के साथ बहकर आई मिट्टी (पांगी) से ही पात्र की साफ सफाई करके उसे पवित्र किया जाता है जिससे यात्रा में कोई बाधा नहीं आती हैं.
उधर वाहनों में तोड़फोड़ से देश भर में गुस्सा
एक तरफ कावड़ यात्रा को लेकर लोग आस्थावान हैं तो दूसरी तरफ कावड़ियों द्वारा कुछ कार सवार लोगों के साथ मारपीट, वाहन की तोड़फोड़, बच्चे, महिला और बुजुर्गो को कार से उतारकर तोड़फोड़ के वायरल वीडियो को लेकर देश भर में गुस्सा देखने मिल रहा है. लोगों का कहना है कि कोई भूल से टकरा भी जाए तो उसके साथ इतना बेदर्द बर्ताव अच्छा नहीं है. धार्मिक प्रवृति के लोग गुंडई नहीं कर सकते अगर ऐसा कोई करता है तो वह कावड़ लाने के लायक नहीं है.








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