शिवपुरी। मोस्ट वांटेड भू माफिया राजीव गुप्ता को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को इसकी लंबे समय से तलाश थी। राजीव पर आरोप है कि उसने एक एक प्लॉट कई लोगों को बेचा, जिसे लेकर 6 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए जबकि कुछ पुलिस ने आवेदकों को राजस्व विभाग से खानापूर्ति करने के नाम पर केस दर्ज नहीं किए जो अभी तक भटक रहे हैं। इधर सैकड़ों लोगों को टोपी पहनाकर 2 साल से फरार चल रहे राजीव गुप्ता को अब शिवपुरी से ही गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि राजीव गुप्ता पर जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोप हैं। आरोपी एक ही प्लॉट को कई लोगों को रजिस्ट्री कर चुका है। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी लगने के बाद कई पीड़ित लोग कोतवाली पहुंचकर शिकायतें दर्ज कराने लगे। उन्होंने कहा राजीव गुप्ता और उसके भाई से प्लॉट खरीदे थे, लेकिन न तो उन्हें प्लॉट मिला और न ही पैसे वापस हुए।
इन लोगों ने कराया था मामला दर्ज
कोतवाली पहुंचे शिवकुमार वैरागी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में राजीव गुप्ता से एक प्लॉट खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री राजीव के भाई संजय गुप्ता के नाम कराई गई थी। बाद में उस प्लॉट पर विजय शर्मा नामक व्यक्ति ने अपना दावा जताते हुए कब्जा कर लिया।
इसी तरह साहिल सोनी की मां ने भी राजीव गुप्ता से प्लॉट खरीदा था, लेकिन उस पर भी कब्जा था। इन सभी ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए या तो प्लॉट दिलवाने या फिर पैसा वापस कराने की मांग की है। इतना ही नहीं करीब दो साल पहले राजीव गुप्ता ने बछौरा निवासी भगवती जाटव की दो बीघा जमीन खरीदकर करीब 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। इसके बाद उसी जमीन का सौदा उसने शिवकुमार धाकड़ से कर दिया था, जिससे एडवांस में 28 लाख रुपए ले लिए। यह रकम आज तक वापस नहीं की गई। कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि आरोपी राजीव गुप्ता लंबे समय से फरार चल रहा था। उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई थी, जिसने उसे गिरफ्तार कर लिया है। मामलों समेत राजीव गुप्ता के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी की कुल 6 एफआईआर दर्ज हैं।
कई जहाज डुबाकर इंदौर में ऐश
इधर भू माफिया राजीव गुप्ता को लेकर इसी फील्ड के लोगों का कहना है कि जब राजीव गुप्ता जमीन कारोबार में हिरन की तरह कुलांचे भरने लगा था तो कई रसूखदारों ने उसे अपनी धन राशि प्रदान कर दी थी। सोचा था जल्दी से राशि डबल ट्रिपल होगी लेकिन राजीव गुप्ता का सूरज डूबा तो वह डिफाल्टर हो गया और मैदान छोड़ गया। इस तरह शहर के कई जहाज डूब में हैं। इधर लोगों का कहना है कि दूसरों के रुपए राजीव ने इंदौर के एक बड़े प्रोजेक्ट में लगा दिए और शिवपुरी में घाटा दिखाकर भाग निकला था। हालांकि जितने मुंह उतनी बातें। अब देखना होगा कि पुलिस का मेहमान बना राजीव गुप्ता लोगों के रुपए किस तरह लौटाएगा। फिलहाल कोतवाली में उसकी गिरफ्तारी होने की खबर वायरल होते ही जिन लोगों के प्लाट, रुपए फंसे है वे लोग राजीव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।