शिवपुरी। चौकिएगा नहीं हम डकैतों की ही बात कर रहे हैं। एक समय नामी गिरामी डकैतों की शरणस्थली रहा शिवपुरी जिला आये दिन अपहरण, लूट, फिरौती के लिए पहचान रखता था। फिर बंदूक खामोश हो गई लेकिन लंबे समय बाद कल डकैत रिटर्न रिलीज हो गई है। इलाका कोलारस है, जहां मंगलवार को दिनदहाड़े बीसभुजी माता मंदिर के पास जंगल से हथियारबंद गिरोह दो राजस्थानी रेवाड़ी को उठा ले गया। गिरोह ने अपहरण कर एक को दस लाख की फिरौती लाने का संदेश देकर छोड़ दिया। अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें गिरोह की तलाश करने जंगल में उतर गईं। बता दें कि पिछले कुछ दिन से राजस्थानी रेवाड़ी भेड़-ऊंट चराने कोलारस के बीस भुजी माता मंदिर के पास जंगल में आये हुए है। मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे मुुंशी (35) पुत्र घेवरराम रेवाड़ी निवासी पाली राजस्थान के साथ गनपतराम जाट जब अपने डेरे से कोलारस से कुछ सामान लाने पैदल निकले तो बीसभुजी माता मंदिर के पास स्थित तालाब किनारे उन्हें तीन हथियारबंद बदमाश मिले, जिनमें से दो पर 315 बोर व एक पर 12 बोर की रायफल थी। इन्होंने दोनों रेवाडिय़ों को गन प्वाइंट पर लिया और फिर जंगल में ले गए। इनमें से एक ने अपना नाम बैजनाथ राजस्थान बताया। अपहरणकर्ताओं ने गनपत को छोड़ते हुए कहा कि 8 दिन में 10 लाख रुपए की फिरौती की व्यवस्था करके हमारे पास तक पहुंचा देना, वरना हम इसे गोली मार देंगे। सुबह 11 बजे अपहरण करने के बाद उक्त दोनों को लगभग दो घंटे तक जंगल में रखने के बाद गनपत को फिरौती का संदेश देकर जंगल में ही छोड़ दिया। वह किसी तरह मंगलवार शाम चार बजे कोलारस थाना पुलिस के पास पहुंचा और पूरी घटना सुनाई। इधर इसी मामले में एक कहानी सामने आई कि राजस्थानी रेवाडिय़ों का डेरा आठ दिन पूर्व सुभाषपुरा के जंगलों में था। वहां भी रेवाडिय़ों को यह तीन सदस्यीय गिरोह मिला था। उस समय गिरोह ने रेबाडिय़ों से पांच लाख रुपए की मांग की थी, लेकिन रेबाडिय़ों ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया और वे अपने मवेशी लेकर कोलारस के बीसभुजी मंदिर के पास जंगल में आ गए थे। मंगलवार को जब हथियारबंद गिरोह ने मुंशी व गनपत को पकड़ा, तो उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि तब तुमसे 5 लाख रुपए मांगे थे, लेकिन तुमने नहीं दिए, अब आठ दिन में 10 लाख की व्यवस्था कर लेना, वरना तुम्हारे साथी की गोली मारकर हत्या कर देंगे।
हर साल की कहानी
बता दें कि हर साल ऊंट, भेड़ लेकर उन्हें चराने राजस्थान के चरवाहे पशुपालक आते हैं। उनके अपहरण की कहानी हर साल सुनाई देती है। पोहरी के जंगलों में करीब 8 साल पहले 50 हजार, 1 लाख डिमांड का यह क्रम अब 10 लाख को छू गया है। इस बार कोलारस में गूंज सुनाई दी। यह इलाका भी सुभाषपुरा की तर्ज पर चर्चित है।
पकड़ छुटी
हालांकि आज डकैतों के चंगुल से मुठभेड़ के बाद पकड़ छुड़ा ली गई। एसपी राजेश चन्देल ने पुष्टि की।
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