शिवपुरी। जिले के स्वास्थ्य विभाग की कुर्सी का किस्सा आज फिर सुर्खियों में आ गया। जब डॉक्टर एएल शर्मा को न्यायालय से स्टे मिल गया। इसके पहले भिंड से डॉक्टर पवन जैन ने सीएमएचओ की कुर्सी पर झंडा फहरा दिया था। जिसे लेकर एक तरफा चार्ज की चर्चाएं थमी भी नहीं थी कि तब तक आज फिर इस प्याली में तूफान आ गया है। बता दें कि ग्वालियर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी ने स्थानांतरित सीएमएचओ डॉ एएल शर्मा की याचिका पर राहत प्रदान करते हुए शिवपुरी के जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी पद पर अगली सुनवाई तक बने रहने का आदेश दिया है। जबकि इसके पहले भिंड से आए टीकाकरण अधिकारी डॉ पवन जैन ने राज्य शासन के 30 जनवरी 2021 के आदेश पालन में शिवपुरी के जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया था। वह तब जब डॉ शर्मा शासकीय कार्य के चलते शिवपुरी से बाहर थे और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने उन्हें रिलीव भी नहीं किया था। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब शिवपुरी सीएमएचओ पद पर डॉ शर्मा को राहत मिल गई है।
यह है पूरा किस्सा
मध्यप्रदेश शासन ने 30 जनवरी 2021 को जारी आदेश में डॉ शर्मा का श्योपुर जिला अस्पताल जबकि भिंड जिला अस्पताल से डॉ पवन जैन को जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी के पद पर तबादला किया था ।
इस आदेश के बाद डॉ पवन जैन ने जब एक तरफा चार्ज ग्रहण कर लिया था तब डॉ एएल शर्मा ने माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली। जहां उनके अभिभाषक डीएस रघुवंशी ने दलील पेश की कि डॉ पवन जैन सीएमएचओ पद के योग्य नहीं है।
इस पद हेतु क्लास-1 ऑफिसर होना अनिवार्य है साथ ही उसके पास चिकित्सा विभाग की पोस्ट ग्रेज्यूट डिग्री हो। जबकि डॉ जैन क्लास -1 ऑफिसर न होते हुए क्लास -2 ऑफिसर हैं और उनके पास सिर्फ एमबीबीएस की स्नातक डिग्री है। दूसरा तर्क यह था कि शासकीय नियमानुसार जिन कर्मचारियों की सेवानिवृति में एक वर्ष का समय शेष है उनकी नियुक्ति उनकी इच्छा के अनुसार की जानी चाहिए। डाॅ शर्मा की सेवानिवृति में सिर्फ 7 माह का समय शेष है और वह 31 अगस्त 2021 को सेवानिवृत होने वाले हैं।
जिस पर डॉ जैन के अभिभाषक ने डॉ शर्मा के अभिभाषक की दलीलों का विरोध करते हुए तर्क पेश किया कि वह पहले से ही शिवपुरी सीएमएचओ के पद पर चार्ज ग्रहण कर चुके हैं लेकिन न्यायालय ने अगली सुनवाई तक राज्यशासन के आदेश को स्टे कर डॉ शर्मा को बड़ी राहत प्रदान की है। इधर इस मामले को लेकर डॉक्टर जैन ने कहा कि
हाईकोर्ट के इस आदेश का पालन डायरेक्ट्रेट ऑफ हेल्थ को करना है, उनका जो आदेश होगा वह मैं पालन करूंगा। मैं इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहा हूँ। उस सलाह के बाद ही मैं कुछ कह पाऊंगा।
हालांकि डॉ शर्मा स्टे मिलते ही कार्यालय पहुंचे और कामकाज शुरू कर दिया।

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