डॉ विकासदीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष 9425137382
इस बार शनि अमावस्या 13 मार्च 2021 को मनाई जाएगी. शनि अमावस्या का खास महत्व होता है. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है.।
13 मार्च को चार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र ये चारों एक साथ कुंभ राशि में रहेंगे और कुंभ शनि की ही राशि है, मतलब शनि की राशि में ही चर्तुग्रही युति योग बन रहा है. आमतौर पर देव कार्य और पितृ कार्य के लिए शनैश्चरी अमावस्या अलग-अलग तिथि में पड़ती है, लेकिन इस बार देव कार्य और पितृ कार्य दोनों के लिए शनैश्चरी अमावस्या एक ही दिन पड़ रही है. इसके अलावा यह अमावस्या दर्श अमावस्या की श्रेणी में आ रही है. जब अमावस्या सुबह से शाम तक अपनी तिथि के अनुसार गोचर करती है तो वह दर्श कहलाती है. शनि अमावस्या के दिन सुबह के समय घी का दीपक जलाएं और भगवान सूर्य के 12 नामों का और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का जाप करें. शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा भी फलदायी मानी जाती है. इसलिए शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जरूर जलाएं. ऐसी मान्यता है कि शनि देव को शमी का वृक्ष भी बेहद प्रिय है, इसलिए शनि अमावस्या के दिन शाम के समय शमी के पेड़ के पास एक दीपक जलाने से कई लाभ मिलते हैं .

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