
-1975 से लेकर 2009 तक का ऑफ लाइन जमीनी रिकार्ड जलने की जताई जा रही है आशंका
-छुट्टी के दिन आग की लपटों में घिरा राजस्व रिकार्ड रूम, जान पड़ रही है भू-माफियाओं की साजिश
शिवपुरी में एक के बाद एक सामने आ रहे जमीन घोटालों के बीच आज जिले की रिकॉर्ड रूम शाखा में छुट्टी के दिन रहस्यमय ढंग से भीषण अग्निकांड हो गया। बताया जाता है कि इस अग्निकांड में वर्ष 1980 के पूर्व से लेकर 2009 तक का राजस्व रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया है। तहसील के सामने स्थित जिले की राजस्व रिकॉर्ड रूम शाखा में एकाएक आग लगना गंभीर जांच का विषय है। आज दोपहर रिकॉर्ड रूम में आग लगने की खबर सुनते ही जिला प्रशासन के आला अधिकारी एसडीएम बाजपेई से लेकर शिवपुरी डीएम अक्षय कुमार सिंह तक दौड़े चले आए। बताया जाता है कि जिस समय आग लगी उस समय कुछ कर्मचारी जो कि मामले की जानकारी लगते ही मौके पर आ गए थे, ने व स्थानीय लोगों ने आग को बुझाने के प्रयास किए, लेकिन स्थिति यह बनी कि अंदर से जबरदस्त आग की लपटें और धुआं उठ रहा था, जिसके चलते आग बुझाने दफ्तर में घुसे कर्मचारियों व अन्य का दम घुटने से घबराकर वह बाहर निकले आए। मौके पर नगर पालिका की फायर ब्रिगेड और अग्निशमन दल को बुलाना पड़ा। भारी मशक्कत के बाद बमुश्किल जैसे तैसे आग को बुझाया गया। इस दौरान शिवपुरी एसडीएम अरविंद बाजपेई, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह सहित तमाम पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इस रिकॉर्ड रूम के बाहर खड़े होकर रेस्क्यू ऑपरेशन को देखते रहे।
छुट्टी के दिन भड़की संदिग्ध आग, अनसुलझे कई सबाल
इस संदिग्ध अग्निकांड के पीछे शिवपुरी जिले में घटित भूमि घोटालों संबंधी दस्तावेजों को खुर्द बुर्द करने और उन्हें नष्ट करने की साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। पूरा मामला संदेह के घेरे में इसलिए भी आ गया है क्योंकि इतनी महत्वपूर्ण जगह पर इस तरह से आग लगना और मौके पर कोई सुरक्षा उपकरणों या अग्निशमन उपकरणों का रिकॉर्ड रूम में मौजूद ना रहना पूरे मामले को संदिग्ध बना रहा है। आज दोपहर जैसे ही आग लगी आसपास के क्षेत्र में हड़कंप पूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। लोग इस अग्निकांड को घटित होता देख शोर मचाने लगे बड़ी संख्या में यहां भीड़ एकत्रित हो गई, चौकाने वाली बात यह है कि यह सब छुट्टी के दिन ही घटित हुआ घटनाक्रम है।
रिकॉर्ड रूम में अग्निशमन यंत्रों का ना होना मामले को बना रहा है संदिग्ध
जिस भवन में राजस्व का अब तक का पुराना ऑफ लाइन रिकॉर्ड दस्तावेजों की हार्ड कॉपी सुरक्षित मानकर रखी गई हों वहां सुरक्षा के कोई उपाय ना होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। इस भवन में सैकेंड सैटरडे के दिन एकाएक शार्ट सर्किट से आग लगना भी गले नहीं उतर रहा है क्योंकि यहां बिजली का उपयोग कौन कर रहा होगा। यह पूरा मामला बड़ी जांच की आवश्यकता प्रतिपादित कर रहा है।इस रिकॉर्ड रूम में जहां अग्निकांड घटित हुआ, वहां बताया जाता है कि रेवेन्यू का जमीनों संबंधी तमाम पुराना रिकॉर्ड जो कि 1980 के दशक से पूर्व से लेकर 2009 तक का है, वह रखा हुआ था। यह शाखा डिस्ट्रिक्ट रिकॉर्ड रूम की एक ब्रांच है 2009 से रेवेन्यू रिकॉर्ड ऑनलाइन होना शुरू हो गया है। ऐसे में इससे पूर्व जमीन संबंधी जो दस्तावेज यहां रखे हुए थे अब उनमें से कितने सुरक्षित रह पाए हैं यह विस्तृत जानकारी जांच के बाद ही पता चलेगी। द्वितीय शनिवार के दिन घटित इस घटनाक्रम को लेकर तरह तरह की चर्चाएं सरगर्म हो गई हैं क्योंकि शिवपुरी जिला इस समय जमीन घोटालों के मामले में प्रदेश में सुर्खियां हासिल कर रहा है। जिसमें पटवारी से लेकर आईएएस स्तर के कई पूर्व अधिकारी भी जमीनों की जांच की आँच में घिरे हुए हैं। यहां लोकायुक्त और आर्थिक अपराध ईओडब्ल्यू की जांच भी चल रही हैं, ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं की, इस अग्नि कांड को किसी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हो।
मुख्यमंत्री के बयान के बाद हुआ अग्निकाण्ड
शिवपुरी जिला मुख्यालय स्थित रिकार्ड रूम में अग्निकांड का यह पूरा मामला अब उच्च स्तर पर जांच का विषय बन गया है। यह सब इसलिए भी क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमाफियाओं को लेकर राजधानी भोपाल में बड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। सीएम द्बारा भूमाफियाओं के खिलाफ किए गए एलान के महज 24 घंटे के भीतर शिवपुरी के रिकॉर्ड रूम में हुआ यह अग्निकांड कई सवालों को जन्म देता है।
इनका कहना है
रिकॉर्ड रूम में जिलेभर के भूमि संबंधित फाइलें रखी हुई थीं, आग किन कारणों से लगी इसका पता जांच के बाद ही चल सकेगा, आग पर काबू पा लिया गया है, अभी रिकार्ड रूम का जायजा लिया है, धुंआ और अंधेरा होने के कारण अभी कितना नुकसान हुआ है उसका आंकलन नहीं किया जा सकता।
अरविंद बाजपेई
एसडीएम
शिवपुरी

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