बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा- कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों को भी बना रहा शिकार, नहीं निकलने दें घर से बाहर
शिवपुरी। भारत में कोरोना वायरस की तबाही एक बार फिर उफान पर है। चिंता की बात ये है कि कोरोना का ये नया स्ट्रेन युवा और बच्चों के लिए पहले से ज्यादा खतरनाक है। वयस्क और बच्चों के संक्रमित होने के मामले अचानक से तेज हो गए हैं। कोरोना की पिछली लहर में जहां यह माना जा रहा था कि बच्चों पर कोरोना का घातक असर नहीं होता है। किंतु कोरोना की दूसरी लहर में उससे हटकर देखा जा रहा है। पिछले 50 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में 80 हजार से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके है। निश्चित तौर पर माता- पिता एवं परिवारों के लिए यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि वे अपने बच्चों को कोविड संक्रमण से बचाव कैसे करें ? माता-पिता लाख दर्द सह लेंगे, पर बच्चों का दर्द उनसे देखा नहीं जाता। ऐसे में बच्चों पर मंडराता कोरोना का खतरा उनके लिए तनाव का कारण बन गया है। माता पिता कोशिश करें कि ना खुद अनावश्यक रूप से बाहर जाएं और ना अपने बच्चों को जाने दें, खासकर ऐसी जगहों पर जाने से जरूर बचें जहां कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने सभी बच्चों के पालकों को सुझाव दिया है कि वे अपने बच्चों को घर पर उनकी रुचि के मुताबिक कार्यों में व्यस्त रखें और उन्हें कोविड अनुरूप व्यवहारों का पालन करने के बारे में समझाएं। बच्चों पर नजर रखें और एहतियात बरतें। बच्चों में 40 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोने, मास्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन करने की आदत डालने का पूरा प्रयास करें। बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान दें उन्हें घर का पका हुआ ताजा पौष्टिक भोजन दें। ठंडा पानी, आइसक्रीम और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन बच्चों को न करने दें।
- इन लक्षणों पर जांच कराएं
वायरल बुखार एवं कोरोना के लक्षण समान है। यदि बच्चे को बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी, थकान, बदन दर्द, सिर दर्द, नाक बंद हो जाना, गले में खरास, स्वाद और गंध का पता न चलना, उल्टी- दस्त होना, आंखों से पानी बहना, त्वचा पर रेशे हो जाना जैसी समस्याएं दिखाई दें, तो तत्काल बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखवाएं। जब तक कि यह ज्ञात न हो कि बच्चा किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है,तब तक कोविड टेस्ट कराना आवश्यक नहीं है। परंतु यदि स्थिति में सुधार न हो तथा चिकित्सक कोविड टेस्ट कराने की सलाह दें तभी हमें कोविड टेस्ट कराना चाहिए। हर हाल में यह कोशिश रहे कि बच्चा संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहे अगर बच्चा स्तनपान कर रहा है तो मां मास्क लगाकर बच्चे को स्तनपान कराएं।
- इनसे संक्रमण का खतरा अधिक है
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर , शादी-समारोह में जाना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों का उपयोग करना, समूह में बैठना, कोचिंग पढ़ने जाना, बगैर मास्क लगाए लोगों से बात करना यह सभी काम संक्रमण के जोखिम को बढ़ाने वाले काम है। इसके अलावा कचरा- कबाड़ बीनने वाले, भीख मांगने वाले तथा बाल मजदूरों के संक्रमण का खतरा अत्यधिक है। परिजनों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चे इन अशोभनीय कामों में लिप्त न हों। उन्हें घर पर ही कामों में व्यस्त रखा जाए।

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