शिवपुरी। नगर ब्रोकर और सिधेस्वर दरवार के परम भक्त राजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि लगभग सभी के घरों पर इतना दूध तो होता है कि 5-6 मेहमान आ जाए तो चाय बन जाए किंतु यदि अचानक से 50-60 मेहमान आ जाए तो इतना दूध तो कोई नही रखता। तब क्या आप यह बोलेगे की घरधणी गरीब है, दूध की व्यवस्था भी नही रखता, इसका प्रबंधन फेल है।
यही हाल हस्पताल, ऑक्सीजन ओर दवाओं का है, सब पर्याप्त मात्रा में थी लेकिन अचानक अपेक्षा से कई गुना ज्यादा लोग गंभीर हो गए। बड़ी बात यह है कि चिकित्साकर्मियों, सरकार, ब्यूरोक्रेट्स, जनप्रतिनिधियों ने 3-4 दिनों में स्थितियों को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है। जिन्हें लगता है कोई कुछ नही कर रहा वो सिर्फ 24 घण्टे उनके साथ रह कर देखे जो सेवा में सतत लगे है। स्मरण रहे यह परिस्थिति बिल्कुल अलग है, वायरस नियमित म्यूटेंट हो रहा है । कब क्या होगा इसका अंदाजा विश्वभर के वैज्ञानिक भी नहीं लगा पा रहे हैं। नागरिकों की जान बचाने के लिए सरकार परिस्थितियों के अनुरूप सबसे बेहतर निर्णय ले रही है। व्यवस्था पर उंगली उठाने से बेहतर है उसे ठीक करने में जो हमारी अपेक्षित भूमिका है उनका निर्वहन करें।
हम भी सहमत: विपिन
दोस्तों कोरोना से 4 हाथ किये बैठे हैं। जंग चल रही है। यह सही है कि लोगों की खुद की नासमझी सभी पर भारी है। अगर लोग कहें कि सरकार नींद में रही तो क्या हम खुद के जीवन के प्रति लापरवाह बने रहे ? खैर वक्त कहकर, देखकर नहीं आता। इसलिये आ ही गया तो सब मिलकर सामना कीजिये। जो है उसी के साथ जीवन बसर कर जीवन की रक्षा कीजिये। अपनों का ख्याल रखिये। जरा बुखार, जुकाम, खांसी या असहज होते ही सबसे पहले निसंकोच कोविड जांच करवाइये। तब तक घर के सदस्यों से दूर रहिये। ये सच है कोरोना पलक झपकते मुंडी मरोड़ रहा है, लेकिन ये भी सच है कि उसका समय रहते उपचार, एकांत पलक झपकते आपको स्वस्थ भी कर देगा। टेक सीरियसली। शब्बा खेर। घर रहिये। मास्क लगाइये। सेनिटाइजर उपयोग कीजिये। विपिन शूक्ला

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