शिवपुरी। जिले के जानेमाने वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक नवयुग के प्रधान संपादक हरिशंकर शर्मा कोरोना से जंग जीत गए हैं। बुखार, जुकाम के साथ कोरोना ने जब एंट्री की तो 72 की उम्र के पड़ाव पर खड़े हरिशंकर शर्मा के परिजन घबरा गए थे। वजह साफ थी बीपी के मरीज हैं कभी कभी शुगर भी दस्तक देती रहती है। ऐसे में घबराना लाजमी था। स्वास्थ्य टीम आई। उन्हें अस्पताल में भर्ती करने कहा। तब उन्हें सिद्धि विनायक लेकर गए लेकिन ऑक्सीजन 95 देख डॉक्टरों ने घर पर ही रखने की सलाह दी। बस यहीं से जंग शुरू हुई। हरिशंकर कहते हैं कि बदन दर्द से टूट रहा था, हिम्मत जवाब दे रही थी। ऐसे में खुद कोरोना से जंग लड़ रहे मेरे साले विपिन शुक्ला, दिनेश गुप्ता, वासित अली, मेरे नाती प्रांजल, ऋषि, ओजस्व, गुड़िया ने दूर रहकर हौंसला दिया। दवाई शुरू हुई और इस्वर का नाम लेकर कुछ दिन हिम्मत से काम लिया। बुलंद हौंसला रखा। नतीजे में कोरोना को चित कर दिया।
अनुलोम विलोम
अब फुलती सांस, कमजोरी को दूर करने भोजन, फल के साथ अनुलोम विलोम आदि योग करते हैं। जिंदगी फिर रफ्तार पकड़ रही है।
डर के आगे जीत
हरिशंकर शर्मा कहते हैं कि डर के आगे जीत है लेकिन कोरोना से डरना नहीं है, स्ट्रांग रहते बुलंद हौंसला रखें। भगवान का स्मरण करते रहें। घर हैं तो सबसे अलग रहकर डॉक्टर सलाह से दवाई लेते रहें। यकीन मानिए ऐसा किया तो घातक कोरोना दुम दबाकर भाग लेता है। उन्होंने सभी शुभचिंतकों को मंगल कामनाओं के लिये धन्यवाद दिया, शुक्रिया भी कहा। आप भी उन्हें बधाई दे सकते हैं। (ऋषि शर्मा 79746 65840)

Bhagvan ka bahut shukriya. Aap sabhi patient ke lie bahut badi mashal ho
जवाब देंहटाएं