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'साहित्य कॉर्नर': प्रकृति का महत्व, युवा कवि वीरेंद्र सागर

गुरुवार, 24 जून 2021

/ by Vipin Shukla Mama
-प्रकृति-
कुदरत का वरदान है ये, 
सब लोगों की जान है ये ||

पेड़ पौधे पशु और पक्षी, 
सब पृथ्वी की शान है ये || 

आदर करें सभी हम इनका,  
हम सबके मेहमान हैं ये ||

जितना तंग किया है इसको, 
आज उसका परिणाम है ये ||

इतना देख ना जागा फिर भी, 
फिर कैसा इंसान है ये ||

वक्त है संभल जाओ अभी भी, 
जीवन की पहचान है ये ||  

सुरक्षित हम रखेंगे इसको, 
हम सब ले पैमान है ये ||

इसको नष्ट किया गर हमने, 
फिर समझो शमशान है ये ||

लेखक
वीरेंद्र सागर, शिवपुरी मध्य प्रदेश

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