14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना चाहिए- प्रोफेसर एन के जैन प्राचार्य गर्ल्स कॉलेज शिवपुरी
शिवपुरी। हर साल 12 जून को पूरी दुनिया में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने की थी. प्रोग्राम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एन के जैन ने कहा की आज के प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य लोगों को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना है. घर परिवार के बडे़ लोगो को अपनी जिमेदारी के प्रति जवाब देह होना पड़ेगा। बच्चो को अच्छा पोषण एवम अच्छी शिक्षा दी जायेगे तो बाल श्रम को दूर किया जा सकता है। प्रोग्राम की अधिक जानकारी देते हुए शाक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि 12 जून को बाल श्रम की समस्या के खिलाफ विश्व दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है और बाल श्रम की समस्या पर ध्यान दिया गया है ताकि इसे मिटाने या इसके खिलाफ लड़ने के तरीके खोजे जा सकें. बच्चों को जबरन श्रम में धकेल दिया जाता है, मादक पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति जैसी अवैध गतिविधियों के लिए बच्चों को मजबूर किया जाता है. इस वजह से लोगों को बाल श्रम की समस्या के बारे में जागरूक करने और उनकी मदद करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इसी उद्देश्य के लिए आज मदकपुरा के स्कूल परिसर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जो को महिला बाल विकास एवम् स्वास्थ एवम् शिक्षा विभाग के साथ मिलकर सम्पन्न हुआ। प्रोग्राम में डॉक्टर पवन जैन ने बताया कि बाल श्रम का प्रभाव बच्चे के स्वास्थ पर भी बुरा प्रभाव डालती है समाज के लोगो को अपने बच्चो को देखना होगा की ये कहा जा रहे है क्या कर रहे है सरकार ने सभी सुविधाए दे रखी है लेकिन लोग जागरूक नहीं है इसीलिए महिलाओं को इसके लिए आगे आना होगा। और जागरूक होना पड़ेगा। प्रोग्राम में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास देवेंद्र सुंदरियाल ने बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल संरक्षण अधिनियम के बारे में जानकारी दी एवम् बताया कि जिले में बाल कल्याण समिति एवम् किशोर न्याय बोर्ड के बारे में जानकारी प्रदान की उन्होंने कहा की आपको कहीं भी कोई बच्चा बाल श्रम करते पाया जाता है तो आप चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर तत्काल काल करे आपको पहचान गुप्त रखी जायेगी। जिससे की बच्चो कितबो से जोड़कर शिक्षित किया जा सके। उन्होने प्रोग्राम में ऑनलाइन बर्चुअल माध्यम से सहभागिता की। प्रोग्राम में जिला विधिक सेवा अधिकारी श्रीमति शिखा शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा की बाल श्रम रोकने के लिए लोगो को दूसरो के बच्चो को भी हमको अपना बच्चा मानना पड़ेगा एवम् जो हमारे नेशनल हेल्प लाइन नंबर15100 है आप वहा कॉल कर सकते है एवम् मेरे को भी जिला विधिक सेवा अधिकारी कार्यालय में आकर सूचित कर सकते है लेकिन सबसे पहले हमको देश के अच्छे नागरिक के तौर पर हमको पहले बाल श्रम जहां भी हो रहा है उसकी शिकायत करनी पड़ेगी जिससे की हम कारवाही कर सके। प्रोग्राम में स्वच्छ भारत मिशन के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी , सेक्टर सुपरवाइजर निवेदिता मिश्रा , विधालय की हेड मास्टर अर्चना दुबे ने भी संबोधित किया। प्रोग्राम में प्रमोद गोयल ने कहा की। 5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे ऐसे काम में लगे हुए हैं जो उन्हें सामान्य बचपन से वंचित करते हैं, जैसे कि पर्याप्त शिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल, अवकाश का समय या बस बुनियादी स्वतंत्रता. 2002 में, संयुक्त राष्ट्र की संस्था जो काम की दुनिया को नियंत्रित करती है, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने इसी वजह से वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर लॉन्च किया. अंत में अतिथियों द्वारा समुदाय में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सुपोषण सखी नीलम प्रजापति, नर्मदा, सुनीता जाटव, कमला जाटव, साहियका रानी जाटव , राधा यादव के साथ आगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रजनी वर्मा को उपहार देकर सम्मानित किया। प्रोग्राम के अंत में आभार व्यक्त प्रमोद गोयल द्वारा किया गया।

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