मंगल कलश को गृह निर्माण के समय भूमि में स्थापित किया जाता है जिसमें एक या 9 कलश स्थापित करके भूमि संबंधी सभी दोषो को दूर किया जाता है जब हम भूमि का खनन करते हैं उस समय भूमि में विराजित नाना प्रकार के जीव जंतु हमारे द्वारा नष्ट हो जाते हैं उसके अलावा शास्त्र अनुसार हमारी पृथ्वी शेषनाग पर टिकी हुई है जब भी हम घर का निर्माण करते हैं तो शेषनाग से आज्ञा लेकर हम भूमि भवन का निर्माण करते हैं मंगल कलश को भूमिपूजन के समय स्थापित किया जाता है और उस कलश में उपरोक्त दोष निवारक सभी सामग्री जो भूमि दोष वास्तु दोष और स्थान दोष को समाप्त करती है इस प्रकार मंगल कलश को भूमि ने निर्माण में स्थापना करते समय स्थापित करने से भवन बनाते समय किसी प्रकार की बाधा नहीं आती कई बार जिस स्थान पर हम भवन बनाते हैं उस भवन में पूर्व से किसी अन्य आत्मा या कभी कोई व्यक्ति का दाह संस्कार उस भूमि पर हुआ हो या जाने अनजाने में कोई जानवर गाड़ दिया गया हो तो उस भूमि पर कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं का वास रहता है इसीलिए भूमि निर्माण के समय इन सब बातों का विशेष ध्यान देना भी जरूरी है क्योंकि यही सब चीज आगे जाकर घर में समस्या , रोग, कर्ज , शत्रु , अकाल म्र्त्यु , कोर्ट कचहरी मंगल कार्य मे बाधा पैदा करती है
शुभ ऊर्जा मंगल कलश को वास्तु के उपाय में भी प्रयोग किया जाता है जिसमें अगर घर में किसी प्रकार का किसी एक विशेष तौर पर कोई दिशा दोष उत्पन्न हो रहा हो तो उस दिशा स्थान के दोष को नष्ट करने के लिए उपरोक्त स्थान का शुभ ऊर्जा वास्तु दिशा यंत्र बनाकर उसमें उपरोक्त स्थान की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए मंगल वास्तु कलश का प्रयोग किया जाता है मंगल वास्तु कलश अपने आप में एक नई खोज है जिसमें स्थान दोष , वास्तु दोष नजर दोष पित्र दोष ऊपरी बाधा किया कराया टोना टोटका में भी यह कार्य करता है
मांगलिक दोष निवारण के लिए शुभ ऊर्जा मंगल दोष यंत्र की पूजा की जाती है मांगलिक वर कन्या के विवाह में अधिकतर देरी या समस्या आती है उसको दूर करने के लिए शुभ ऊर्जा मंगल दोष नाशक यंत्र की स्थापना करके मंगल विधान पूजा की जाती है जिस से मंगल ग्रह से संबंधित मंगल दोष दूर होता है और मांगलिक कार्य की बाधाएं दूर होती हैं संतान बाधा शुभ ऊर्जा यंत्र इस यंत्र को घर में स्थापित करके पूजा की जाती है संतान संबंधी दोष अगर कुंडली में बन रहा है तो इस कलश की या शुभ ऊर्जा यंत्र पूजा संतान दोष नाशक यंत्र की पूजा करने से संतान संबंधी दोष दूर होता है और संतान का सुख प्राप्त होता है शुभ ऊर्जा पित्र दोष नाशक यंत्र इस यंत्र की स्थापना करने से पित्र दोष संबंधी बाधाएं दूर होती हैं हमारे परिवार में मांगलिक कार्य और भाग्य उन्नति में जो बाधा रहती है उसका मूल कारण पितरों के रूष्ट होने से होता है।
स्थापना की विधि :-- शुभ ऊर्जा मंगल कलश को शुभ वार:-- जैसे रविवार, सोमवार, बुधवार , गुरुवार शुक्रवार के दिन शुभ चौघड़िया में अपने पूजा स्थान , शुभ स्थान में रखकर उस पर रोली चावल इत्यादि लगाकर फूल चढ़ाकर पूजा प्रार्थना करें उसके बाद अगरबत्ती, दीपक जलाकर आरती इत्यादि करें और मन में प्रार्थना करें कि मेरे घर में परिवार में सभी प्रकार से सभी कार्य मंगलमय हो।

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