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'धमाका साहित्य कॉर्नर' 'प्यार में मरने की कसमें खूब खाते हैं मगर..अंजली'

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

/ by Vipin Shukla Mama
चाँदनी रातों में छत पर अब तु क्यों आया नहीं
चाँद  भी  उजला नज़र  आये  हमें  भाया नहीं

आपकी  हर बात  पर हम  मुस्करा के रह गये
आशिकी में ओ सनम कुछ भी जरा देखा नहीं

प्यार  में  मरने की  कसमें खूब  खाते हैं मगर
प्यार की  रस्में  निभाना  भी  ज़रा  आता नहीं

जो खफा भी हो न पाए एक पल मुझसे कभी
दूरियाँ  ला  कर करीबी  फिर वही  लाता नहीं

  #कृष्णदीवानी_अंजली✍️

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