शिवपुरी में नगर के फतेहपुर स्कूल स्थित खुले परिसर में पोषण माह के तहत योग अभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया
- कोरोना काल में यह सिद्ध हो गया है कि फैफड़े को अगर स्वस्थ रखना है तो नियमित योग अभ्यास करना जरुरी - डा पवन जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
- पोषण माह में इस बार योग को जोड़ना काफी सराहनीय कदम इससे मानसिक स्वस्थ उत्तम होगाः- डीपीओ देवेन्द्र सुन्दिरयाल महिला बाल विकास विभाग
शिवपुरी। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आज फतेहपुर स्थित स्कूल परिसर में करे योग रहे निरोग अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन शक्तिशाली महिला संगठन, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं बीएनएफ के द्वारा संयुक्त रुप से किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए योग प्रशिक्षण कार्यकम शनिवार को समपन्न हुआ जिसमें कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 पवन जैन ने स्वयं भी योग किया एवं योग के महत्व को समझाते हुए कहा कि कोरोना काल में यह सिद्ध हो गया है कि कोरोना में सबसे ज्यादा प्रभाव जिस पर पड़ा वह फैफड़े थे इसीलिए हमें फैफड़े को मजबूत बनाने के लिए अच्छे पोषण के साथ साथ नियमित योग अभ्यास जरुर करना चाहिए इसीलिए आज पोषण माह में योग का प्रशिक्षण बेहद जरुरी है। कार्यक्रम में महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुन्दिरयाल ने कहा कि पोषण माह जो कि 1 से 30 सितंबर तक चलाया जा रहा है ़उसमे विभाग द्वारा अनेक गतिविधियां की जानी है जिससे कि समुदाय में पोषण के बारे में जागरुकता बढ़े एवु कुपोषण एवं अनीमिया में कमी आए। इस बार पोषण के साथ साथ योग को भी बढ़़़ावा देना है जो कि काफी सराहनीय पहल है इसमें किशोरी बािलाकाओं को आज योग अभ्यास का प्रशिक्षण मनीष राठौर एवं उनकी पूरी टीम द्वारा दिया गया मेरा सभी से यही कहना है कि प्र्रतिदिन करो योग और हमेश रहो निरोग । अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि आज फतेहपुर एवं आस पास के 60 किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को योग अभ्यास का प्रशिक्षण दिया जो कि आगे जाकर अपने परिवार के अन्य लोगो में योग की अलख जगाने का प्रयास करेगी। इसी के साथ इस बार पोषण की घण्टी कुपोषण से छुटटी टेग लाईन पर संस्था काम कर रही है जैसे कि कोई महिला जो गभ्र्रवती है वह अगर आयरन की गोली नही खाती है तो उसके घर पर पोषण की घण्टी सुपोषण सखी एवं मैदानी अमले द्वारा हितग्राही के घर पर बजायी जाती है जिससे कि वह शासन द्वारा दी रही सभी सेवाओं को लाभ लें और सुपेाषित हो । कार्यक्रम में सीडीपीओ श्रीमती नीलम पटेरिया ने कहा कि सबसे सुन्दर भावों की हम शान्ति क्रान्ति चिंगारिया हम बदलेगें युग बदलेगा यही हमारी कामना कहकर कार्यकम में उपस्थित सभी किशारी बालिकाओं ंएव महिलाओं का जगाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक मनीष राठौर ने कहा कि योग और आयुर्वेद सदियों पुरानी चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित हैं। इनके बेहतर प्रयोग से स्वस्थ और सुखी जीवन शैली युक्त समाज स्थापित था। योग में क्रियाएं करके जहां मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्घि होती है वहीं हमारे शरीर के सभी संस्थान ऑक्सीजन की पर्याप्तता को अवशोषित कर ठीक ढंग से कार्य कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदान की गई आंवलाए तुलसीए सहजनए चिरायता व पीपल का प्रयोग कर प्राकृतिक रूप से पोषण स्तर को सुधारा जा सकता है। आंवला और गिलोय के प्रयोग से सांस की क्रियाओं को करके शरीर में पोषण देने वाले एंडोक्राइन सिस्टम आसानी से जागृति होकर नई कोशिकाओं का निर्माण शुरू कर देते हैं। सहजन की पत्तियों का रस प्रत्येक प्रकार की कमजोरी को दूर करने में रामबाण औषधि के रूप में विख्यात है। इससे पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्राणायाम में कपालभाति,भस्त्रिका, अनुलोम विलोम के साथ मंडूकासन व सिंहासन आदि का अभ्यास कराया गया। साथ ही इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। योग प्रशिक्षक की टीम में राहुल, प्राजुल एवं अंकिता ने कार्यकम में योग अभ्यास करने आए प्रतिभागियों को योग का प्रशिक्षण बढ़े ही सरल एवं सहज तरीके से दिया। कार्यक्रम में डा. पवन जैन, देवेन्द्र सुन्दिरयाल , श्रीमती नीलम पटेरिया, रवि गोयल, पर्यवेक्षक निवेदिता मिश्रा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताए सुनीता गुप्ता, राजकुमारी कुश्वाह , अनीता ओझा, उर्मिला ओझा, के साथ आंगनवाड़ी सहायिका लीला , कृष्णा ,बबली , राधा , आशा कार्यकर्ता , सुपोषण सखी हर्षा कपूर, रामप्यारी, रेखा नामदेव के साथ समुदाय की किशोरी बालिकाऐं एवं महिलाओं उपस्थित थी।

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