शिवपुरी। कल से घर घर भगवान गणेश विराजेंगे। लोग आज तो कल सुबह भगवान को बाजार से लाएंगे लेकिन इस बार ईको फ्रेंडली यानी मिट्टी के भगवान गणेश बाजार से गायब हैं। उनकी जगह पीओपी ने ले रखी है। यह पर्यावरण के अनुकुल न होकर पानी में विसर्जन के बाद गलते तक नहीं। जिला प्रशासन इस बार नींद में ही रह गया और गणेश चतुर्थी आ गई। हम आपको बता दें कि मिट्टी के गणेश भी आपको मिल जाएंगे लेकिन ढूंढने के बाद ओर कुछ ज्यादा दाम देकर मिल सकेगे।
इस बार गणेश चतुर्थी पर घर लाएं पीओपी की जगह इको.फ्रेंडली गणेश मूर्तियां या मिट्टी की मूर्तियां जिससे कि हमारा पर्यावरण प्रदूषित न हो -रवि गोयल सामाजिक कार्यकर्ता
गणेश चतुर्थी के लिए बीबी हर कोई अपने घर सबसे सुंदर गणेश मूर्ति लाने की इच्छा रखता हैए लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां दिखने में तो भले ही अच्छी लगें लेकिन यह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। तो क्यों न इस बार आप अपने घर पर इको फ्रेंडली गणेश मूर्ति लाएं।इसके लिए शक्तिशाली महिला संगठन की टीम ने अपनी सुपोषण सखियों के माध्यम से गांव गांव में लोगो को मिटटी की मूर्ति बनाना सिखाया एवं खुद अपने आफिस के लिए एंव अपने परिचितो के लिए मिटटी से बनी मूर्ति भेंट की जिससे कि हमारा पर्यावरण प्रदूषित न हो यह कहना था कार्यक्रम समन्वयक रवि गोयल का जो कि अपनी टीम केसाथ खुद मिटटी की मूर्ति बनाए एवं दुसरों को भी इसके लिए प्रेरित किए। उन्होने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि गणेश चतुर्थी पर इस बार क्यों न पर्यावरण का भी थोड़ा ख्याल रखा जाए। इस बार पीओपी की मूर्तियों की जगह इको.फ्रेंडली मूर्ति खरीदें। इसके लिए आप मार्केट में मौजूद ऑप्शन्स में से मिट्टी की मूर्ति पीओपी की जगह मिट्टी से बनी मूर्ति लाएं। हालांकि यह ध्यान रखें कि मार्केट में कई बार पीओपी की मूर्तियों को ही दुकानदार मिट्टी की बताकर बेच देते हैंए इसलिए मूर्ति लेते वक्त खास सावधानी बरतें। कोशिश करें कि अगर आपके आस पास मिटटी उपलब्ध हो तो स्वयं भी मिटटी से गणेश की प्रतिमा बना सकते है
इसमें पौधे के बीज वाली मूर्ति आजकल मार्केट में ऐसी मूर्तियां भी मिलती हैं जो मिट्टी से तो बनी होती ही हैं साथ ही में इनमें किसी पौधे का बीज भी होता है। मूर्ति को गमले में डालकर विसर्जित किया जाए तो इसमें मौजूद बीज मिट्टी के साथ मिल जाता है और थोड़े दिनों बाद पौधा उगने लगता है। इको.फ्रेंडली कॉम्बिनेशन
कई मूर्तियां ऐसी भी होती हैं जो एक नहीं बल्कि कई तरह के नैचरल चीजों से बनी होती हैं। इन्हें बनाने के लिए मिट्टी ,पेपर, कुमकुम, नैचरल कलर्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है । जिससे मूर्ति का कोई भी हिस्सा प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसीलिए संस्था की टीम ने गांव एवं शहरी क्षेत्र में लोगों से अपील करी कि सवसे अच्छा होगा अगर हम मिटटी से बनी मूर्ति ही उपयोग में लाए सव मिलकर प्रयास करेंगें तो हम अपने पर्यावरण को नुकसान होने से बचा सकते है इस कार्य में संस्था की तरफ से साहव सिह धाकड़ , हेमन्त उचवाहे, लव कुमार बैष्णव, अस्तित्व , राकेश राजे, वर्षा शर्मा, पूजा शर्मा , सुपोषण सखी नीलम प्रजापति , कमलेश जाटव, सोनम शर्मा एव विकास अग्रवाल ने स्वंय मिटटी की गणेश मूर्ति बनायी एव अपने आस पास के लोगो को भी इसके लिए जागरुक किया।
यहां से ले सकते हैं आप
शिवपुरी के युवा इको फ्रेंडली ट्री गणेशा के लिए चला रहे हैं अभियान , जिससे ना केवल अपनी आस्था पूरी हो सके बल्कि परियावरण का भी ध्यान रखा जाएगा, शिवपुरी टॉकीज के नीचे लगे स्टॉल पे जाके आप अपने ट्री गणेशा ला सकते हैं और साथ में गुलाब का पौधा भी फ्री ले सकते है।
🌸 *श्री गणेशाय नमः* 🌸
आओ कुछ अच्छा करते हैं
अब आदत बदलते हैं
गणेश उत्सव अब मनाए प्रकृति के साथ, इस गणेश उत्सव पे अपने घर ट्री गणेशा लाए और प्रकृति के साथ उत्सव मनाए
*2 आकार की मूर्तियां उपलब्ध है*
*12 inch* - ₹ 250
*15 inch* - ₹ 300
ट्री गणेशा के साथ-साथ यह निम्नलिखित सामग्री प्राप्त होगी :-
*गणेश प्रतिमा* *(Ganesh Idol)*
*गमला* *(Pot)*
*मिट्टी* *( Soil )*
*माला* *( Garland )*
इको फ्रेंडली ट्री गणेशा का विसर्जन घर में रहकर पूरे परिवार के साथ एक साथ एक जगह घर में कर सकते हैं

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