शिवपुरी। ग्राम मुढैनी में श्रीहनुमानजी के मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिवस शिव पार्वती प्रसंग कथा का वाल योगी पं, श्री वासुदेव नंदनी भार्गव ने बड़ा ही रोचक तरीके से प्रसंग सुनाया उन्होंने बताया कि रूप और स्वरूप में काफी भेद है ।उन्होंने बताया की सती ने सीता का रूप तो बनाया लेकिन वह सीता का स्वरूप नहीं ले सकी, अतः किसी का रूप बना लेना सरल है किंतु स्वरूप बनाना अत्यंत कठिन है। संत के जैसा रूप बनाने से कुछ नहीं होता, संत का स्वरूप ग्रहण करना चाहिए क्योंकि रुप का संवंध शरीर से होता है ,और स्वरूप का संवंध आत्मा से होता है, रूप समय के साथ ढल जाता है और स्वरूप समय के साथ निखर जाता है। लगातार तीसरे दिन भी सैकड़ों की संख्या मै श्रोता,दूर दूर से आकर कथा का रसपान कर रहे हैं।

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