शिवपुरी। उल्टा नाम जपत जग जाना, बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना। बाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर कु. शिवानी राठौर जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग महिला कांग्रेस शिवपुरी ने वाल्मीकि जयंती मनाई। साथ ही महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि महर्षि बाल्मीकि जिनको ऋषियों द्वारा ज्ञान देने पर उन्होंने अपने जीवन के आधार पर ऋषि-मुनियों से कहा कि मैंने हमेशा बुरे कर्म किए मुझसे राम का नाम नहीं जपा जाता। तो ऋषि ने कहा कि आप उल्टा नाम मरा- मरा भी जपोगे तो अंत में राम राम बन जाएगा।
ऋषियों के आदेश को मानकर बाल्मीकि जी ने अपने जीवन में मरा मरा जपते हुए राम नाम को प्राप्त किया तथा उन्होंने हिंदू धर्म के परम पूज्य ग्रंथ रामायण की रचना की। जिसे वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के नाम से जाना जाता है। इस रामायण का महत्व जगत प्रसिद्ध है।
महर्षि वाल्मीकि के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम बुरे कर्मों को छोड़कर अच्छे कर्मों में अपने जीवन को व्यतीत करें।
हमारा पिछला जीवन कितना भी बुरा क्यों ना रहा हो, जिस पल हमारे हृदय में ईश्वर का वास होता है उसी पल हमारे जीवन में एक नई सुबह की शुरुआत होती है। अपने जीवन को सत्कर्मों में लगाकर हम अपने जीवन के प्रमुख उद्देश्य सद्भाव, सत्कर्म एवं सेवा को प्राप्त करते हैं।

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