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सर्वश्रेष्ठ फिल्म दुख-तारा को वनमाला देवी सम्मान

मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021

/ by Vipin Shukla Mama
चित्र भारती के फिल्मोत्सव का समापन 
ग्वालियर। चित्रभारती मध्य भारत का दो दिवसीय लघु फिल्मोत्सव कई संदेशों के साथ समाप्त हो गया। फिल्मोत्सव में आई लघु फिल्मों के प्रदर्शन के बाद उनका चयन हुआ और कन्या भ्रू्रण हत्या पर आधारित लघु फिल्म'दुख-ताराÓ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुनी गई। फिल्म की निर्माता-निर्देशक सैफाली गुप्ता को 'वमनमाला देवी सम्मान से नवाजा गया। वहीं अलग-अलग विधाओं में भी फिल्मों को अवार्ड दिए गए। फिल्म निर्देशकों व अतिथियों ने इन युवा प्रतिभाओं को शॉल-श्रीफल, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर मंच से सम्मानित किया। 
आईआईटीटीएम के वनमाला सभागार में आयोजित चित्र भारती के फिल्मोत्सव के समापन के मुख्य अतिथि सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक पहलाज निहलानी ने कहा कि यहां पर प्रदर्शित की गईं लघु फिल्मों में कुछ न कुछ संदेश था। युवाओं ने जिन विषयों को उठाकर फिल्मों का निर्माण किया वह समाज को जोडऩे वाले विषय थे। विशेषकर जिस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड दिया गया है उसमें कन्याभू्रण हत्या का संदेश था। देश के प्रधानमंत्री बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देशभर में दे रहे हैं। ऐसे में हमारे युवा इस तरह के विषय उठाकर समाज में जागरण का काम कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म की निर्माता-निर्देशक से कहा कि इस फिल्मों को हर मंच पर दिखाएं, जिससे समाज में बेटियों के प्रति अच्छा संदेश जाए। उन्होंने कहा कि आज समाज कन्या भ्रूण हत्या जैसे कई दूषित काम हो रहे हैं। हम आइना बनकर समाज जागरण का काम करें। घर में छोटे-छोटे मुद्दे हैं, जो समाज को बिघटन की ओर ले जा रहे हैं, इन मुद्दों पर फिल्मों का निर्माण करें। फिल्मों के माध्यम से संदेश दें कि यह करना गलत है। आज की युवा पीढ़ी समाज जागरण में महती भूमिका निभा सकती है। आपको आज जो यह मंच मिला है वह आने वाले समय में आपको ख्याति दिलाएगा। इसलिए मेरा आग्रह है कि अपनी कोशिश जारी रखें, इससे पीछे नहीं हटें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आईआईटीटीएम के निदेशक डॉ. आलोक शर्मा ने कहा कि आज सिनेमा घरों के अलावा घरों में मोबाइल, लैपटॉप आदि के माध्यम से कहीं युवाओं में फूहड़ता तो नहीं परोसी जा रही। योजना के तहत कहीं जहर तो नहीं पिलाया जा रहा। हमें इसे पहचानकर इससे लडऩा होगा। चित्र भारती काफी हद तक यह लड़ाई लड़ रही है। हमारे पास सांस्कृतिक धरोहर, विरासत, वैदिक धरोहर समुद्र के समान है। यह रचनात्मक प्रेरणा को जगाने वाला है। यदि हम इस दिशा में फिल्मों का निर्माण करेंगे तो रचनात्मकता को पंख लग जाएंगे। मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्म निर्देशक आकाश आदित्य लामा, फिल्म सिटी मुंबई के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत मिश्रा, भारतीय चित्र साधना के सचिव अतुल गंगवार, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. केशव पांडेय, चित्र भारतीय के प्रांत सह संयोजक दिनेश चाकणकर, श्रीमती भारती पवार, ग्रीनवुड विद्यालय की निदेशक श्रीमती किरण भदौरिया, वीआईएसएम कॉलेज के चेयरमैन डॉ. सुनील सिंह राठौर उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत हरिओम गौतम, नारायण भदौरिया, डॉ. बलवंत भदौरिया, प्रशांत चाव्हाण, राजलखन सिंह, रविन्द्र जगताप, मनोज अग्रवाल, वरुण सक्सेना आदि ने किया। इससे पहले ग्रीनवुड विद्यालय के छात्रों ने गंगा अवतरण पर आधारित सामूहिक नृत्य एवं संगीत विवि के छात्रों ने गीत प्रस्तुत किया। संचालन राजेश वाधवानी एवं सुनीता पाठक ने किया। आभार कार्यक्रम संयोजक चन्द्रप्रताप सिंह सिकरवार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान निर्णायक राजेन्द्र शर्मा मुंबई, राकेश सेन एवं मनोज पटेल भोपाल का सम्मान किया गया। 
विभिन्न श्रेणियों में यह रहे विजेता
वनमाला देवी सम्मान- श्रेष्ठ लघु फिल्म- दुखतारा, निर्माता-निर्देशक- सैफाली गुप्ता
श्रेष्ठ ध्वनि- नो मोर निगेटिव न्यूज- कार्तिकेय नामदेव एवं विजय गौर
श्रेष्ठ संपादन- नक्शे कदम- हेम कुशवाह
श्रेष्ठ छायांकन- कूड़ादान- राहुल शर्मा
जूरी च्वाइस अवार्ड- अनमोल रिश्ता- उमेश गोंजे
श्रेष्ठ वृत्त चित्र- पाताल- गजल सिंह

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