कैलारस। अंततः मध्य प्रदेश सरकार ने जिले के सबसे बड़े शक्कर कारखाने को बैचने का निर्णय कर दिया है।शक्कर कारखाना को बेचने के निर्णय का माकपा, किसान सभा ने किया पुरजोर विरोध।
प्रदेश सरकार के पोर्टल पर यह निर्णय अप लोड कर दिया गया है।ओफसैट कीमत ₹84 करोड़ रखी गई है। एक ओर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री ने शक्कर कारखाना को कई बार चलाने की घोषणाऐंऔर वायदे किए है। लेकिन अब आप घोषणा और वायदों से मुकरते हुए। इस कारखाने को बेचा जा रहा है। मार्क्सवादी पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य अशोक तिवारी एवं मध्य प्रदेश किसान सभा के वरिष्ठ नेता गयाराम सिंह धाकड़ ने कहा है कि होने को तो जिले का औद्योगिकीकरण होना चाहिए था। जो नहीं हुआ। दूसरी ओर जिले के सबसे बड़े शक्कर मिल को चलाने के बजाय सरकार ने बेचने का निर्णय लिया है। यह जिले के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा।नेता द्वय ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। साथ ही कहा है कि शक्कर मिल का जो मूल्यांकन ₹84 करोड़ का किया गया है। वह बहुत ही कम आकलन है। इसके लिए कमेटी गठित करके इसमें किसान और कर्मचारियों के प्रतिनिधि भी रखी जाए। दोबारा से मूल्यांकन कराया जाए। साथ ही वामपंथी नेताओं ने कहा है कि इस सरकार को कर्मचारियों के 30 करोड़ और किसानों के करोड़ भुगतान की जवाबदारी लेनी चाहिए। जब सरकार भुगतान का सवाल आता है तब कोऑपरेटिव को आगे करती है और जब ओने पौने दाम में कारखाने को बेचने का सवाल आया है तो सरकार ने अपनी ओर से निर्णय करके और कारखाने को पोर्टल पर बिक्री हेतु घोषित किया है। यह अत्यंत जनविरोधी और क्षेत्र के क्षेत्र की जनता को बर्बाद करने का निर्णय है। यह निर्णय वापस होना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी जागरूक नागरिकों, किसानों, श्रमिकों, बुद्धिजीवियों, देशभक्त नागरिकों से अपील की है कि वे इस कारखाने को बचाने के लिए और चलाने के लिए क्षेत्र का औद्योगिकीकरण कराने के लिए आगे आए और सरकार को बाध्य करें। सरकार को जनता की संपत्ति को बेचने का कोई अधिकार नहीं है। प्रेषक
गयाराम सिंह धाकड़ मध्य प्रदेश किसान सभा मुरैना।

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