जीवो पर कृपा करने ही भगवान मनुष्य रूप में प्रकट होते हैं
जीव और ईश्वर एक ही सिक्के के दो पहलू है
शिवपुरी। विगत दिनों से श्री ठाकुर बाबा हाथी खाना मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा में पंडित वालयोगीं नंदनी भार्गव ने बड़े ही आध्यात्मिक ढंग से भगवान की माधुर्यपूर्ण लीलाओं का वर्णन कर कथा का श्रवण कराया, श्री गोवर्धन नाथ धारण की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जब इन्द्र ने मूसलाधार बारिश की तो सब ने भगवान की शरण ग्रहण की और भगवान ने गोवर्धन पर्वत उठाया ,इस कथा से भगवान ने यह संकेत दिया कि जब भक्त मेरी शरणागति मैं आ जाते हैं ,तो फिर गोवर्धन कीभांति उसका सारा बोझ मैं खुद उठा लेता हूं। साथ ही भगवान के महारास का आध्यात्मिक तरीके से निरूपण किया एवं उद्धव चरित्र की कथा में बताया कि उद्धव की बुराई हमने कितनी बार सुनी होगी कि उद्धव को अहंकार था लेकिन वास्तविकता पर यदि विचार करें तो जितना विश्वास ठाकुर जी उद्धव पर करते हैं वैसा कृपा पात्र कोई दूसरा नहीं क्योंकि भगवान ने उन्हें ही अपने निजधाम में बिना उनकी उपस्थिति के पहुंचाया ? और जब हम अपने घर पर ना हो तो यूं ही किसी को घर जाने की अनुमति नहीं देते कोई खास ही होता है जो हमारी अनुपस्थिति में हमारे घर पर जा सके इसलिए धन्य है उद्धव जो वृंदावन गए। सायं कालीन बड़ी धूमधाम से सभी कथा रसिकों, प्रेमियों ने रुक्मणी विवाह के उत्सव का आनंद लिया।मनी महाराज की इस वर्ष की तृतीय कथा मै हर दिन भीड़ वढती जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें