न्यायालय ने कहा कि पूर्ण रूप से अनुसंधानकर्ता की लापरवाही रही है जो यह इंगित करती है कि पुलिस द्वारा विधिवत कार्यवाही नहीं की गई है।
शिवपुरी। एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए अपीलीय न्यायालय में घर में घुसकर चोरी करने के आरोप से आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही माननीय न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले में सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत न किया जाना पूर्ण रूप से अनुसंधानकर्ता अधिकारी की लापरवाही रही है, जो यह इंगित करती है कि पुलिस द्वारा विधिवत कार्यवाही नहीं की गई है या अभियुक्त को मात्र अन्य एनडीपीएस के अपराध में गिरफ्तार किए जाने से अतिरिक्त प्रकरण अभियुक्त के विरुद्ध पंजीबद्ध किया गया है। वहीं समूचे प्रकरण में जब्त किये गये नोटों की संख्या और प्रकार के चलते अभियुक्त के मकान से जब्ती को माननीय न्यायालय ने संदेहजनक माना और आरोपी को दोषमुक्त कर दिया। आरोपी की ओर से एडवोकेट अजय गौतम और गोपाल व्यास ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि विचारण न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री पवन संखवार ने पूर्व में प्रकरण में निर्णय सुनाते हुए आरोपी अंकित ओझा निवासी पुरानी शिवपुरी को धारा 454 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत 1 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹250 के अर्थदंड से एवं धारा 380 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत 1 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹250 के अर्थदंड से दंडित किया गया था अर्थदंड अदा न किए जाने पर क्रमशः 1 माह का कठोर कारावास अतिरिक्त भुगते जाने का दंड अधिरोपित किया गया था जिसके विरुद्ध माननीय सत्र न्यायालय में अपील की गई थी। मामले की कहानी इस प्रकार है कि फरियादी चंदन प्रजापति निवासी लुधावली सपरिवार बड़े भाई के यहां शादी में गया, पड़ौसी सखी धाकड़ का ताला मांग कर अपने मकान में लगा गया, जब शाम को 6:30 बजे चंदन घर आया तो उसने देखा कि वह जो ताला लगा कर गया था वह ऊपर कुंदी से लगा हुआ मिला और उसकी जगह दूसरा ताला लगा मिला जब पड़ोसियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि ताला कुंडी में लगा था इसलिए उन्होंने दूसरा ताला सखी धाकड़ के कहने से घर पर लगा दिया था जब चंदन ने घर में अंदर जाकर देखा कि अलमारी खुली पड़ी थी और बच्चों की गुल्लक टूटी मिली अलमारी से एक सोने का हार, दो चांदी की करधनी पुरानी इस्तेमाली एवं ₹10000 और बच्चों के गुल्लक से करीब 6-7 हजार रुपए चोरी हुए हैं। इस चोरी का शक चंदन ने लुधावली में अपने घर के पीछे रहने वाले एक लड़के पर जाहिर करते हुए कहा कि वह स्मैक का नशा और तस्करी भी करता है उसके द्वारा पूर्व में भी मेरे घर के बर्तन चोरी किए थे जो उसके घर में मिले थे। फरियादी चंदन ने थाना देहात में मामले की लिखित रिपोर्ट की, जिस पर से अपराध दर्ज कर पुलिस ने मामला विवेचना में लिया।
विचारण न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध आरोपी की ओर से प्रस्तुत अपील में जोरदार बहस करते हुये एडवोकेट अजय गौतम में कहा कि अभियुक्त से पुलिस ने जब्ती पत्रक के माध्यम से जो सामग्री जप्त होना बताई है उसमें एक करधनी चांदी की तथा नकदी 3050 रुपये जिनमें 15 नोट 200-200 रुपये के एवं एक नोट 50 रुपये का जप्त किया गया है तथा अभियुक्त द्वारा जो जानकारी मेमोरेंडम में दी गई है उसमें गुल्लक में से 2700 को रुपए तथा 350 अलग से रखे हुए जब्त करना बताएं हैं जबकि जब्त किए गए 200-200 के 15 नोट एवं 50 रुपये के के नोट का किसी भी प्रकार से मिलान किया जाए तो उसका कुल योग 2700 रुपये नहीं हो सकता और न ही 350 रुपये हो सकता। अभियुक्त के मेमोरेंडम एवं जब्ती की कार्यवाही पूर्ण रूप से संदेहजनक जनक है, अभियुक्त को झूठा संलिप्त करने हेतु फरियादी द्वारा पुलिस से मिलकर कार्यवाही की गई है इस पर माननीय न्यायालय ने जब्ती को पूर्ण रूप से संदेहजनक माना वहीं प्रकरण के गवाहों और अन्वेषण अधिकारी के बयानों में सीसीटीवी फुटेज में आरोपी अंकित ओझा निवासी पुरानी शिवपुरी के मौजूद होने का जिक्र तो किया गया था किंतु सीसीटीवी फुटेज को प्रकरण में बतौर साक्ष्य के प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिस पर माननीय न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा की सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत न किया जाना पूर्ण रूप से अनुसंधानकर्ता की लापरवाही है जो इंगित करती है कि पुलिस द्वारा विधिवत कार्यवाही नहीं की गई है। मामले में समूचे साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुये माननीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री राधाकिशन मालवीय ने अपीलार्थी आरोपी अंकित ओझा को दोषमुक्त कर दिया।

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