Responsive Ad Slot

Latest

latest

वैराग्य से मर्यादा और मर्यादा से भक्ति का प्राकट्य होता है: नंदिनी भार्गव

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। ग्राम धंधेरा , रन्नौद के श्री हनुमान जी मंदिर पर विगत 3 दिनों से चल रही श्री मद भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस की कथा में भगवान वामन के अवतार की कथा का श्री बासुदेव नंदिनी भार्गव ने बड़े आध्यात्मिक ढंग से श्रवण कराया बामन भगवान राजा बलि के पास आए और बलि ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। सर्वस्व में दो शब्द छुपे हैं एक सर्व दूसरा स्व अर्थात् सर्व  का अर्थ है सबकुछ और स्व का अर्थ है खुद से  सबकुछ तो कोई भी दे सकता है किंतु सबकुछ के अलावा जो खुदको भगवान के प्रति समर्पित करदे भगवान उससे प्रसन्न होते है । दान तो हम सब देते है लेकिन दान के साथ दानी होने के अभिमान का त्याग करना ही वास्तविक दान कहलाता है,ऐसा ही सर्वस बलि ने दान करदिया। भागवत जी के क्रमानुसार सूक्ष्म मै राम जन्म की भी चर्चा की गई क्योंकि राम कथा से जीवन में मर्यादा आती है शिव कथा से जीवन में वैराग्य आता है और कृष्ण की लीलाएं ऐसी टेढ़ी है की उन्हें समझने के लिए जीवन में मर्यादा और वैराग्य दोनो आवश्यक है इसलिए भागवत कथा में कृष्ण जन्म से पूर्व पहले शिव कथा आती है फिर रामकथा आती है और फिर कृष्ण कथा अतः वैराग्य से मर्यादा और मर्यादा से भक्ति का प्राकट्य होता है।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129