शिवपुरी। सिद्ध स्थल श्री पवा धाम में चल रही भक्ति मय संगीत में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस परम पूज्य संत श्री रामतीर्थ दास महाराज जी ने अपनी ओजस्वी वाणी द्वारा ध्रुव चरित्र का चित्रण किया और बताया की कलयुग में केवल गौ सेवा करने और गो पूजन करने से घर में सुख समृद्धि, आयु वृद्धि, स्वस्थ शरीर, प्रसन्न मन रह सकता है जो लोग अपने दैनिक जीवन में गोमूत्र का सेवन करते हैं उन्हें मधुमेह उक्त रक्तचाप उक्त रक्तचाप थायराइड और कैंसर जैसी बीमारी कभी नहीं हो सकती
आगे कथा में बोलते हुए संत श्री ने अपने ओजस्वी वाणी से कहा की भक्ति अगर धरण शक्ति से की जाए तो भगवान जाति आयु विद्या धन बल और कुछ नहीं देखते हैं।
जैसे भक्त प्रहलाद जी के चरित्र को स्मरण करते हुए बताया की जब भगवान की भक्ति प्रहलाद द्वारा की गई तो उसकी भक्ति को देखकर उसके पिता जब क्रोधित होकर उनके ऊपर अनेकों अत्याचार किए उन्हें बीच जलधारा में छोड़ दिया उन्हें पहाड़ों से नीचे फेंक वाया गया हाथियों के पैरों के नीचे दबाया गया विश पिलाया गया और अपनी बुआ के साथ अग्नि में जलाया गया पर कहते हैं।
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई
बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय
लेकिन भगवान करुणा वत्सल हैं प्रहलाद की पृथ्वी भक्ति को देख कर के भगवान ने स्वयं उसके पिता हिरण्यकश्यप को और प्रहलाद जी को कहा कि तेरे जैसा पुत्र यदि जिस वंश में पैदा हो जाता है उसके 21 पीढ़ी का उद्धार करने का मैं संकल्प लेता हूं
श्री भागवत जी का मूल पाठ पंडित श्री जगदीश जैमिनी जी आचार्य जी द्वारा किया जा रहा है।

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