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महारास की कृपा से दूर होते हैं ह्रदय रोग: श्रीरामतीर्थ दास महाराज

मंगलवार, 29 मार्च 2022

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। सिद्ध श्री पवा धाम पर चल रही भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का छठवे दिन की कथा परम पूज्य महाराज श्री ने चीर हरण लीला का वर्णन किया उन्होंने बताया कि यह आवरण भंग लीला है इस लीला पर लोग संदेह करते हैं जबकि यह जीवात्मा और परमात्मा की आंख मिचौली का खेल है जैसे एक बार धान के ऊपर से छिलका हटा दिया जाए तो वह कभी अंकुरित नहीं हो सकती उसी प्रकार से गोपियों के अंदर जो काम भाव था उसको भगवान ने समाप्त कर दिया और गोपियां निष्काम हो गई है।
रास पंचाअध्यायी की कथा प्रारंभ करते हुए महाराज श्री राम तीर्थ दास जी ने बताया कि महारस की कथा श्रवण करने वाले भक्तों को कभी हृदय रोग पीड़ित नहीं करती यह विज्ञान भी सिद्ध करता है महारास स्वम कामारी भगवान भोलेनाथ ने गोपी का वेश धारण करके महारास किया और भगवान ने कामदेव पर विजय प्राप्त की तभी से उनका नाम  अच्युत पड़ गया गोपी गीत का वर्णन करते हुए बताया जो भक्त नित्य प्रति गोपी गीत का पाठ करते हैं उसको एक दिन भगवान श्री कृष्ण का दर्शन अवश्य होता है।
 पाश्चात्य सभ्यता की आग में हम सभी ऐसे वह चले हैं कि हम सब अपना गौरव भूलने लगे हैं अगर हम सभी सनातनी जागृत नहीं हुए तो 1 दिन हम सभी को गर्त में जाना पड़ेगा।
गोवंश की वृद्धि हेतु महाराज श्री ने गाय के अनेक गुण बताए हैं उन्होंने कहा जो कपिला भारतीय देसी गाय उसके ऊपर हाथ पैर ने से शरीर के समस्त रोग दूर हो जाते हैं।
जिस बालक की बुद्धि मंद हो तो उसे 21 दिन तक आज भी शोधित गोमूत्र पिलाने से मेघा तीव्र और तिख्चन हो जाती है गाय के गोबर से जिसका आंगन लीपा जाता है उस घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है क्योंकि गौ माता के गोबर से स्वयं लक्ष्मी का वास है महाराज श्री ने गौशाला के विषय में बताते हुए कहा कि ऐसे अनेकों परिवार हैं जो अपने घर पर गाय नहीं पाल सकते हैं यदि वह अपने जीवन में एक भी गाय को गोद लेते हैं तो इससे दो फायदे होंगे एक तो गौ माता नहीं भटकती फिरेगी और दूसरा समुचित रूप से गौशालाओं की व्यवस्थाएं चलती रहेंगी इस ज्ञान यज्ञ में शिवपुरी बदरवास बसई आदि नगरों से अपार रक्त समूह भागवत एवं गौ कथा श्रवण करके आनंद विभोर हो रहा है वैष्णव संत एवं नेमीशरण से पधारे अनेकों संत एवं विद्वानों के दर्शन का लाभ सभी को प्राप्त हो रहा है साय कालीन बेला में रुक्मणी कृष्ण विवाह महोत्सव एवं फूलों की होली खेलकर के सभी आनंद विभोर हो गए। यह कथा निरंतर 29 तारीख तक चलेगी और अपन 29 तारीख को पूर्णाहुति के साथ समापन किया जाएगा 30 तारीख को प्रसाद वितरण के साथ कथा विसर्जन किया जाएगा। कथा आचार्य श्री जगदीश प्रसाद जैमिनी जी के सानिध्य में संपन्न किया जा रहा है आप सभी से निवेदन है कि आप सब लोग अधिक से अधिक संख्या में पधार कर भगवत भक्ति का आनंद प्राप्त करें।

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