शिवपुरी। शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार राष्ट्रीय कवि विद्यानंदन राजीव की प्रथम पुण्यतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद शिवपुरी ने नारायण आध्यात्मिक आश्रम में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर मनाई,इस अवसर पर हिंदी के विद्वान पुरुषोत्तम गौतम,नेत्र चिकित्सक डॉ एच पी जैन,वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव व नव गीतों के रचने वाले मुकेश अनुरागी ने स्वर्गीय राजीव के गीतों व उनके संस्मरणों को सुना शाब्दिक श्रद्धांजलि प्रदान की।
स्वर्गीय विद्यानंदन राजीव की प्रथम पुण्यतिथि पर बोलते हुए पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि नवगीतों के शसक्त हस्ताक्षर राजीव थे,केवल शिवपुरी नही बल्कि पूरे देश ने उनके नवगीतों को हाथों हाथ लिया,अगर स्वतंत्रता संग्राम के महानायक तात्याटोपे की बलिदान स्थली होने के कारण शिवपुरी की पहचान है तो चंचल ,राजीव और विरही की कर्मभूमि होने के कारण शिवपुरी की साहित्यिक पहचान है।
वरिष्ठ लेखक प्रमोद भार्गव ने राजीव को शाब्दिक श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जब में दिल्ली में था तब बड़े बड़े पत्रकार मुझ से कहते थे अच्छा आप शिवपुरी से है जहां राजीव जी रहते है।कविता को पढ़कर अतीत स्मरण हो और हमे अपनी संस्कृति पर गौरव हो ऐसी कविता होनी चाहिए ये स्वर्गीय राजीव की कविताओं से स्पष्ट परिलक्षित होता है।
डॉ एच पी जैन ने विद्यानंदन राजीव की कविता चिड़िया रेत नहाने निकली तय है अब मौसम बदलेगा,वृक्षो को परिधान मिलेगा,वन उपवन का रूप खिलेगा सुना सभी को भावुक कर दिया उसके बाद नवगीत के कवि मुकेश अनुरागी ने स्वर्गीय विद्यानदन राजीव की अमर कविता पाहुन गाम की कहो,गुबरीले हाथों में,
झाड़ू थामे सीता,भीगते पसीने में राम की कहो,पाहुन गाम की कहो जैसे ही सुनाई सब राजीव की स्मृतियों में खो गए,भारतीय संस्कृति से राम के आदर्श को जोड़ने वाली वनवासी राम के चरित्र को प्रस्तुत करने वाली स्वर्गीय राजीव की कालजयी कविता ने सभी का मन मोह लिया।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन आशुतोष ओज ने तो आभार साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने ज्ञापित किया, स्वर्गीय राजीव के पुत्र प्रोफेसर अरविंद शर्मा ने भी सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की,इस अवसर भगवान लाल पाठक मुरैना,के बी दुबे,राजकुमार चौहान,बसंत श्रीवास्तब,हरीश हर्षित,शरद गोस्वामी,एवं राजीव के उपस्थित परिजनों ने पुष्प अर्पित कर राजीव का पुण्य स्मरण किया।

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