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धमाका डिफरेंट: 'जन्मदिन पर विशेष', 'महाराज' को 'आदर्श' मानने वाले 'रवि वशिष्ठ' का मूल मंत्र 'नर सेवा नारायण सेवा'

बुधवार, 13 अप्रैल 2022

/ by Vipin Shukla Mama
'परहित सरस धर्म नहीं भाई पर पीड़ा सम नहीं अधिकाई' या कहिए 'नर सेवा नारायण सेवा' यह दो ऐसे पहलू हैं जिसमें जीवन का संदेश समाहित है। अगर इस दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति जीवन के इन बिंदुओं को आत्मसात कर ले तो समाज और संसार की सूरत बदल सकती है। शायद शिवपुरी के जाने-माने बीजेपी नेता, जिला क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष  रवि वशिष्ठ का जीवन इन्हीं दो बातों को आत्मसात करने के चलते उन्हें खास बनाता है।
साथ ही उन्हें दूसरों से अलग करता है। दूसरों की मदद करने का जज्बा और सलीका रवि को उनके दादा जी स्वर्गीय ज्योतिस्वरूप, पिता एसके वशिष्ठ और माँ राधारानी वशिष्ठ से विरासत में मिला है। शिवपुरी में जन्मे एमए इंग्लिश शिक्षा प्राप्त  सिंधिया निष्ठ रवि वशिष्ठ का 13 अप्रैल 2022 यानी आज जन्मदिन है, उन्हें लोग बधाइयां दे रहे हैं। कहने को तो एक आम
इंसान हैं रवि लेकिन लोगों की आधी रात को मदद के लिए तैयार रहने वाले रवि लोगों के लिए इसलिए खास हैं कि वे सभी का ख्याल रखते हैं और आवश्यकता पर कभी भी मदद के लिए तैयार रहते हैं। 
महाराज को मानते हैं अपना आदर्श
नागरिक उड्डयन मंत्री महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना आदर्श मानने वाले रवि वशिष्ठ सदैव उनकी परछाई रहे हैं। 'धमाका' से बातचीत करते हुए रवि वशिष्ठ का कहना था कि जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का कोई ना कोई आदर्श होता है और जिस व्यक्ति को आदर्श मान लिया जाए जीवन में उसके गुण भी आत्मसात करने होते हैं। रवि वशिष्ठ ने कहा कि कौन नहीं जानता कि महाराज राजनीति केवल जनसेवा के उद्देश्य को लेकर करते हैं। उन्होंने कई बार अपने भाषणों में कहा भी है कि राजनीति उनके लिए जनसेवा का एक माध्यम भर है। यही कारण है कि उन्हें अपना आदर्श मानकर चल रहे  रवि वशिष्ठ भी उन्हीं की तरह जनसेवा एक हाथ से करते हैं तो दूसरे हाथ को बताते तक नहीं। लोगों की मदद का यह तरीका गरीब और निचले तबके के वर्ग को खासतौर पर बहुत भाता है। रवि का कहना है कि अपने जीवन में लगातार इसी पथ पर चलते रहेंगे।

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