शिवपुरी। नगर पालिका के अध्यक्ष पद की बागडोर पार्षदों के हाथ में क्या सौंपी तभी से अध्यक्ष बनने की लालसा पाले नगर के धन बाहुबलियों के अरमानो पर पानी फिर गया है।अब उन्हें कोठियों से बाहर ही नहीं बल्कि लग्जरी कारों को छोड़कर सड़क पर पार्षद का चुनाव लड़ना पड़ेगा। ये नामचीन पार्षद का चुनाव किस वार्ड से लड़ें यह तिकड़म लगाने में लगे थे लेकिन ओबीसी की रेल ने उनका रास्ता रोका हैं और अब अध्यक्ष पद के लिए भोपाल में होने वाले आरक्षण के चलते इन आकाओं को अर्जुन के तीर तरकश में रखने विवश होना पड गया हैं। एक जून को यदि सीट सामान्य ही रही तो ये दिग्गज वार्ड की जनता के बीच रियल्टी टेस्ट के लिए जायेंगे। तब जनता यह तय करेगी कि कोठियों वाले नेता जी जितने के बाद आसानी से मिला भी करेंगे या दरवाजे पर दरबान या कुत्तों से सावधान जेसे स्लोगन से पाला पड़ेगा। आका रिलेक्स मोड़ में जो जीता वही सिकंदर
नपाध्यक्ष डायरेक्ट चुना जाता तब आकाओं को अपने किसी खास पट्ठे को टिकिट देना पड़ता लेकिन अब पार्षद की कतार लंबी हो गई हैं। ऐसे में आकाओं ने जो जीता वो सिकंदर का फार्मूला भी खुला रखा है।
1993 की तरह टकराएंगे रिश्ते, पत्तों के बीच होगी पार्षदी की जंग
इस चुनाव में साल 1993 की यादें ताजा हो रही हैं। जिसमें बीजेपी नेता सिंधिया निस्ठ राकेश गुप्ता के साले देवेंद्र जैन भाजपा के टिकट पर वर्ष 1993 में शिवपुरी विधानसभा चुनाव लड़े थे और वे विधायक की कुर्सी हासिल करके राजनैतिक सफर शुरू कर सके थे। हालाकि वर्ष 2004 में शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में देवेंद्र जैन को फिर से भाजपा ने टिकट दिया लेकिन इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जगमोहन सिंह सेंगर ने उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी से गिरा दिया था। वे चुनाव हार गए थे। नपाध्यक्ष के इस चुनाव में पुराने पन्ने पलटने के पीछे वर्तमान में जारी चर्चाए हैं जिसमें अबकी बार रिश्तों के बीच खन खन फिर सुनाई दे सकती हैं। देवेंद्र जैन के अनुज पत्ते वाले जितेंद्र जैन गोटू अध्यक्ष की कुर्सी पर नजर गड़ाए हुए हैं। वे वार्ड 4, 5 या 9 से मैदान में उतर सकते हैं। यहां वार्ड 9 से उनके सामने उनके साडू पत्ते वाले डिंपल जैन तलवार भांजेंगे जबकि वार्ड 5 में जितेंद्र जैन के सामने गोटू के भतीजे कपिल जैन पत्ते बिखेर सकते हैं। वे मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। आपस में रिश्तेदार इन दिग्गज का मुकाबला रोचक हो सकता हैं। वहीं संतोष शर्मा भी दावेदार हैं। हालाकि वार्ड 9 आसान नहीं हैं यहां तंबाकू वाले बाबा एपीएस के साथ लिटिल गावस्कर भोला जैन भी मैदान में उतरेंगे। वार्ड 3 की बात करें तो इस वार्ड में भी टक्कर कड़ी होगी। यहां से पूर्व पार्षद नीलू शुक्ला बीजेपी से मैदान में उतरने टिकिट की इच्छुक हैं। वे अब के आरक्षीत वार्ड 2 से पार्षद रह चुकी हैं। तब पूरे वार्ड में मंत्री श्रीमंत सिंधिया के आशीर्वाद से एक करोड़ की सड़कें डलवाई थी। नियमित साफ सफाई को लोग आज भी याद करते हैं। परिषद में खुद आवाज उठाने से लेकर अपने बूते जंग लड़ना उन्हें खूब आता है। वहीं वार्ड 3 से ही सरोज भार्गव, शशि शर्मा, मीरा दुबे भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
वार्ड नंबर 34 से आशा अजय गुप्ता या अजय गुप्ता की बहू अनीता गुप्ता भी तैयारी कर रहे हैं।
बात वार्ड 37 की करें तो भानु दुबे यहां कदमताल के मूड में हैं। जबकि अन्नी शर्मा भी वार्ड 10 से मैदान में उतर सकते हैं। इधर वार्ड 5, 6 में भी मुकाबला कड़ा होगा। यहां से दवाई विक्रेता हरिओम अग्रवाल ने वार्ड 5 से फेसबुक दावा ठोक कर दिग्गजो की नींद उड़ा दी है। इसी वार्ड पर राकेश गुप्ता, तरुण अग्रवाल, कांग्रेस नेता मोहित अग्रवाल की भी नजर है। कुल मिलाकर मैदान में एक नहीं बल्कि कई काबुली घोड़े यानी धन वाले उतरने की बाट जोह रहे हैं।
पार्षद की लड़ाई आसान न देख सूंघ गया सांप
सीधे अध्यक्ष में अपार धन की दम के साथ हवाओं का बोलबाला होता हैं। लोग जनता को रिझा भी लेते हैं लेकिन पार्षद के चुनाव की बात अलहदा हैं। छोटे छोटे अरमान लिए वार्ड के लोगों को समझाना, मनाना आसान नहीं होता। वे पैसों को भी तब्बजो नहीं देते बल्कि मन के अनुसार वोट करते हैं। यही वजह हैं की कुछ दिग्गज तो पार्षद लड़ने से पहले ही घर बैठ गए हैं। रियल्टी टेस्ट में धड़ाम हो सकने की बात समझते देखकर कुछ दिग्गज को सांप सूंघ गया हैं।
नए चेहरे आयेंगे नजर
इतिहास दोहराया जाएगा, जीत या हार
एक समय जब नगर में वार्ड 15 के आसपास हुआ करते थे। तब उन दिनों के दिग्गज तुलसीदास मंगल, सेठ सावलदास, सोहनमल सांखला, दुर्ग सिंह, धर्म सिंह, महेंद्र सिंह, प्रताप राजपूत, श्री प्रकाश शर्मा सहित अन्य बड़े नाम पार्षद का चुनाव लड़ते थे। मुकाबला रोचक होता था और इन दिग्गज में से कुछ को कई बार जीत तो कई बार हार ही नहीं बल्कि जमानत तक गवानी पड़ती थी। इस बार फिर इतिहास दोहराया जाएगा। जिन्हे जीत का बाजीगर समझा जायेगा वे असली हीरो बनकर उभरेंगे या धूल चाटेंगे पिक्चर अभी बाकी हैं मेरे दोस्त। शब्बा खेर

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