भोपाल। नगर निगमों में महापौर, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे, यानी सभी का चुनाव सीधे जनता करेगी। नए नियम को अध्यादेश के जरिये लागू करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसके लिए शिवराज सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में है। यदि ऐसा हुआ तो इन चुनावों को लेकर लंबे समय से गुड मॉर्निंग, गुड नाईट में लगे क्रीम नेताओं की आशाओं पर पानी फिर सकता हैं। बता दें की मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनावों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला किया है। शिवराज सरकार ने पिछली कमलनाथ सरकार के फैसले को पलट दिया है। इसके तहत पुराने नियम के आधार पर ही चुनाव होंगे यानि पार्षद के बजाय अब जनता ही महापौर को चुनेगी।
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि नगरीय निकायों के चुनाव को देखते हुए शिवराज सरकार का बड़ा फैसला लिया है। कमलनाथ सरकार के फैसले को बदला जाएगा। इसके तहत महापौर नगर पालिका और नगर परिषदों में अध्यक्ष जनता चुनेगी। पुराने नियमों से चुनाव होंगे। एक शहर में एक ही महापौर होगा। महापौर और अध्यक्ष शहर का प्रतिनिधित्व करता है जनता से निर्वाचित होना चाहिए। जोड़ तोड़ खरीद फरोख्त की गुंजाइश नहीं होती है, निष्पक्षता के साथ जनता को अपना महापौर अध्यक्ष चुनने का अवसर मिलता है। हम अध्यादेश लायेंगे आयुक्त को सूचित कर दिया गया है। दरअसल, इस बार नगरीय निकायों के चुनाव 2 चरण में और पंचायतों के चुनाव 3 चरण में करवाये जायेंगे। नगरीय निकायों के चुनाव में EVM और त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग किया जाएगा। पंचायतों का चुनाव भी EVM से करवाने पर 3 माह से अधिक समय लगेगा, क्योंकि EVM की संख्या सीमित है। इसलिए मतपेटियों के माध्यम से पंचायतों का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।

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