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धमाका बड़ी खबर: 'ग्वालियर में अव्यवस्था का मतदान' पर्ची नहीं बटी, बूथ बदले, दो जगह लिखे रहे नाम, खुद भाजपा प्रत्याशी सुमन को नहीं मिला नाम, नतीजा कम रहा मतदान का प्रतिशत

बुधवार, 6 जुलाई 2022

/ by Vipin Shukla Mama
ग्वालियर। महानगर की महापोर के लिए बुधवार को अव्यवस्थाओं के बीच मतदान हुआ। जिला प्रशासन यानि निर्वाचन की किसी हद तक लापरवाही के चलते मतदान का प्रतिशत कम रहा। भाजपा ने खुद यह आरोप लगाया है। बता दें की मतदाता पर्ची वितरण नहीं हुआ। जबकि मतदाताओं के नाम बदले हुए बूथ पर मिले जबकि कुछ एक मामलों में तो एक ही परिवार के सद्स्यों के नाम अलग अलग बूथों में होने से उन्हें परेशानी के बीच मतदान करना पड़ा। जानेमाने व्यवसाई और मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के विश्वसनीय संदीप जैन के साथ ही यह हालात बने। हद तो तब हुई जब खुद भाजपा की प्रत्याशी सुमन शर्मा को वोट डालने के लिए परेशान होना पड़ा। उनका संबंधित बूथ पर नाम नहीं मिला दूसरे बूथ तक जाने की बात सामने आई है। हालत यह हुई कि एक ही परिवार एक ही घर लेकिन नाम अलग अलग वार्डों में मिले। बहुत से  जगहों पर पर्ची नहीं पहुंची। मतदाताओं ने बताया कि बताइए पति-पत्नी को भी केवल अलग-अलग मतदान केंद्रों में ही नहीं अपितु अलग-अलग वार्डों का वोटर बना दिया गया ये जिम्मेदारी कौन लेगा। 
भाजपा के मीडिया प्रभारी ने कहा भारी गड़बड़ी
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट किया कि नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में भारी संख्या में लोगों को मतदाता पर्चियां नहीं मिली और एक परिवार के वोट कई मतदान केंद्रों पर विभाजित कर दिए गए। इस कारण कई लोग वोट ही नहीं डाल पाए। चुनाव आयोग बताए, इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? @ECISVEEP #MadhyaPradesh
लोगों ने कसा भाजपा पर तंज
इस अव्यवस्था को लेकर कई लोगों ने भाजपा पर भी तीर छोड़े हैं। ललित तोमर ने लिखा, चुनाव आयोग को नि:संदेह ध्यान देना चाहिये । लेकिन वो पन्ना प्रमुख, वार्ड अध्यक्ष और न जाने कौन कौन किस दिन के लिये बनाये जाते है ? होम वर्क नाम का भी कोई काम होता है । मैनेजमेंट की भाषा में उसे ही प्रोएक्टिवनेस कहते है। 
डॉक्टर प्रवेश भदौरिया ने लिखा अभी तक पार्टियों के प्रत्याशी भी अपने स्तर पर पर्चियां बांटते थे लेकिन इस बार इक्का दुक्का जगह को छोड़कर यह दिखा ही नहीं। प्रत्याशी अब पार्टी के भरोसे बैठे हैं, लहर के भरोसे, मोदीजी-शिवराजजी के भरोसे कब तक जीतना चाहेंगे?

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