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धमाका बड़ी खबर: जिस किट से होगी नए वेरिएंट की जांच वो पूरे संभाग में नहीं

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022

/ by Vipin Shukla Mama
ग्वालियर। प्रदेश सरकार ने नए वेरिएंट की जांच करने के निर्देश दिए हैं लेकिन जिस किट से नए वेरिएंट की जांच होनी हैं वह संभाग भर में उपलब्ध ही नहीं हैं। अब डिमांड भोपाल भेजी गई हैं। चीन सहित अन्य देशों में दोबारा korona के हरकत में आने की खबर के बाद भारत सरकार अलर्ट मोड़ पर आई और अब प्रदेश सरकार भी अलर्ट हुई हैं, हालाकि पॉजिटिव सामने नहीं आए इसलिए राहत की खबर हैं। इधर भारत सरकार ने एयरपोर्ट पर विदेश से आए लोगों की रैंडम सैंपलिंग शुरू कर दी है. चीन से आने-जाने वाली फ्लाइट पर पहले से ही प्रतिबंध है।
ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 के क्या हैं लक्षण:
BF.7 मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है. इससे संक्रमित होने से सीने के ऊपरी हिस्सों और गले के पास दर्द होता है. इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज को गले में खराश, छींक, बहती नाक, बंद नाक की शिकायत हो सकती है.
ऐसे मरीज को बिना कफ वाली खांसी, कफ के साथ खांसी, सिरदर्द के लक्षण दिखते हैं. इसके साथ ही मरीज को बोलने में परेशानी होती है और मांसपेशियों में दर्द बना रहता है.
ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 से संक्रमित होने पर कुछ मरीजों को उल्टी और दस्त हो सकते हैं. डॉक्टरों की सलाह है कि ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत कोविड टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि सेल्फ आइसोलेशन और रिकवरी दवाओं के जरिए मरीज को संक्रमण से जल्द ठीक किया जा सकता है.
लगातार खांसी के साथ संक्रमित शख्स को कंपकंपी के साथ बुखार आ सकता है. उसको गंध ना आने की शिकायत भी हो सकती है. सांस लेने में दिक्कत और थकान का अनुभव भी होता है.
भारत में पिछले कई दिनों से एक दिन में 200 से कम मामले सामने आ रहे हैं. जहां तक ​​बीएफ.7 की बात है, अब तक पुष्टि किए गए सभी चार मामले जुलाई और अक्टूबर के बीच सामने आए. इनमें से तीन गुजरात में, एक ओडिशा में मिला. मरीजों को आइसोलेट किया गया, उनका इलाज किया गया और वे ठीक हो गए.
BF.7 के मामले में बीमारी की गंभीरता अधिक नहीं है. वास्तविक चिंता यह है कि यह लोगों की संख्या को संक्रमित कर सकता है. क्योंकि इसका म्यूटेशन बहुत तेजी से हो रहा है. देश में अभी रिकवरी रेट अधिक है, लेकिन अगर कोरोना के प्रसार पहले के प्रकारों की तुलना में अधिक है, तो मौतें अधिक हो सकती हैं.
BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है. यानी इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. WHO के अधिकारियों का मानना है कि ये अब तक के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा है. इससे पहले डेल्टा की R0 वैल्यू 6-7 और अल्फा की R0 वैल्यू 4-5 थी.
BF.7 वेरिएंट का पहला केस चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में मिला था. अब तक ये वायरस भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों में फैल चुका है.
BF.7 वेरिएंट कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम है R346T. इसी म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता.

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