ये मांगे लिखी राष्ट्रपति, पीएम के ज्ञापन में
1. 'पारसनाथ पर्वतराज' को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन / धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ!
2. 'पारसनाथ पर्वतराज' को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का 'एक भाग' और तीर्थ 'माना जाता है' लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 02अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए!
4. पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण,सामान जांच हेतु CRPF व स्कैनर, CCTV कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए!
5. पर्वतराज से पेड़ो का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो!
जैन समाज का सरकार से आग्रह है कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतो की मोक्ष स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण-कण प्रतिएक जैन के लिए पूजनीय वंदनीय है!इसलिए हमारी मांगों पर विचार तत्काल किया जाए।
श्री सम्मेद शिखर जी को किसी भी हालत में पर्यटन क्षेत्र नहीं बनने देगी जैन समाज
शिवपुरी में सकल जैन समाज ने एकजुट होकर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम अपर कलेक्ट्रेर को दिया ज्ञापन।
इससे पूर्व श्री छत्री जैन मंदिर जी से कलेक्ट्रेट तक श्री सम्मेद शिखर जी को पवित्र क्षेत्र घोषित करने की मांग पर विशाल प्रदर्शन रैली भी निकाली। झारखंड के गिरीडीह जिले में स्थित जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र श्री तीर्थराज सम्मेद शिखर जी के एक भाग को वन एवं पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से आहत भारत भर की जैन समाज एवं विश्व जैन संगठन के आव्हान पर आज शिवपुरी में भी जैनसमाज ने अपने प्रतिष्ठान।बारह बजे तक वंद रखकर एक विशाल मौन रैली निकाली जो श्री छत्री जैन मन्दिर से प्रारंभ होकर माधव चौक भगवान महावीर स्वामी मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची जहां पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जैन समाज की ओर से पूर्व विधायक श्री देवेंद्र जैन,मंदिर कमेटी एवं सकल जैन के संगठन प्रमुख ने अपर कलेक्टर श्री दिनेश सिंह को ज्ञापन सौंपा जिसका वाचन महेन्द्र जैन भैय्यन द्वारा किया गया। जिसमें जैन समाज ने निम्न लिखित मुख्य मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखीं।
*1-श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करे केंद्र सरकार*
केंद्र सरकार द्वारा जैनों के सबसे मुख्य एवं पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को नष्ट करने का कुचक्र रचा जा रहा है जिसे जैन समाज सहन नहीं करेंगा तीर्थक्षेत्र की पवित्रता वनाये रखने के लिए हम कुछ भी करेंगे।20 तीर्थकर भगवन्तों एवं अनंत संतों की निर्वाण स्थली के साथ यह तीर्थ शास्वत तीर्थ के रूप में अनाधिकाल से अहिंसा का सन्देश दे रहा है शिखर जी को पर्यटन नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें।
*अन्य संगठनों ने भी साथ दिया।*
*जैन समाज द्वारा निकाली गई आज की विरोध प्रदर्शन रैली में सकल जैन समाज,सभी जैन मंदिरों के ट्रस्टीगण, सभी महिला मंडल,बालक-बालिका मंडल एवं पाठशाला परिवार सहित शहर केअन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी विशेष रूप से उपस्थित रहकर जैन समाज का साथ दिया।
आभार एवं अभिनंदन
सकल जैन समाज शिवपुरी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन रैली में सहयोग प्रदान करने पर आयोजकों द्वारा उपिस्थित सभी समाज बँधुओ,सभी मंदिर कमेटियों का, माताओं-बहनों,बालक बालिका मंडल के साथ साथ शहर के गणमान्य नागरिकों का अभिनंदन करते हुए आभार व्यक्त किया गया।
*रन्नौद में भी जैन समाज ने सौंपा ज्ञापन*
केंद्र सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने पर देश भर में चल रहे प्रदर्शन के क्रम में आज रन्नौद एवं अकाझिरी की जैन समाज ने भी राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम तहसील कार्यालय रन्नौद पर तहसीलदार को ज्ञापन दिया जिसमें जैन समाज के हर एक घर से प्रत्येक व्यक्ति शामिल हुआ और श्री सम्मेद शिखर जी पर्यटन स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करने की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी।






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