शिवपुरी। शिवपुरी जिले के रन्नौद तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम सिंघारई में मां कंकाली के अति प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर पर अद्भुत आयोजन का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हो गया। यह ऐतिहासिक आयोजन की कलश यात्रा मस्त हाथी घोड़े बैंड बाजा ढोल नगाड़े के साथ खरेह के हनुमान मंदिर से प्रारंभ हुई, यात्रा में साधु संतों को रथ में बैठा कर शोभायमान किया गया। ऐसी महा विशाल भव्य कलश यात्रा का रास्ते भर ग्रामीणों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, इस कलश यात्रा की विशेषता यह रही कि इसके आगे और पीछे के छोर में लगभग 3 किलोमीटर से अधिक का अंतर था। 9 किलोमीटर लंबी इस कलश यात्रा में जानकारों की माने तो लगभग 70 हजार लोग इस कलश यात्रा में शामिल हुए थे। इस बात का अंदाजा ड्रोन से भी लगाया गया 400 फुट से अधिक ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन कैमरे में पूरी कलश यात्रा का दृश्य कैद नहीं हो पा रहा था। कलश यात्रा में 11 सौ भक्त लाल ध्वज लेकर एवम 11 सौ भक्तगण माता की लाल चुनरी ओढ़कर शामिल हुए। ठाठी ग्राम के सिद्ध आश्रम पर एवम ढोड़िया ग्राम में ग्रामीण वासियों की ओर से कलश यात्रा का स्वागत सत्कार रखा गया जिसमें जलपान से लोगों का स्वागत किया गया। शतचंडी महा आयोजन के शुभारंभ वाले दिन यानी विगत दिवस 20 जनवरी को आयोजित भंडारे में एक लाख लोगों के भंडारे प्रसादी की व्यवस्था आयोजक पं. अजयराज शर्मा की ओर से रखी गई थी। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा आसपास के सभी गांवों को चूल्हा बंद निमंत्रण दिया गया था और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों ने प्रेम पूर्वक भंडारे में आकर प्रसादी भी ग्रहण की। क्योंकि भंडारा कलश यात्रा समापन के बाद प्रारंभ हुआ जो देर रात तक चलता रहा।श्री शतचंडी महायज्ञ कार्यक्रम में 1000 से अधिक देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए साधु संतों ने सहभागिता की। इस महा विशाल आयोजन में देश भर के अलग-अलग हिस्सों से पधारे लगभग 1000 साधु संतों ने हिस्सा लिया। शतचंडी महायज्ञ के यज्ञ आचार्य पंडित देवकी नंदन पाराशर हैं। कार्यक्रम के आयोजक माता कंकाली देवी के परम भक्त पं.अजयराज शर्मा ने बताया कि यह आयोजन मंगल की प्राप्ति और अमंगल का नाश करने के लिए कराया जा रहा है। मां कंकाली भक्त मंडल ने सभी धर्मप्रेमीजन श्रद्धालुओं से 9 दिन तक चलने वाले इस महा आयोजन में सपरिवार सम्मिलित होकर धर्म लाभ उठाने का आग्रह किया है।

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