आई पार्थिव देह तो नाम हुई आंखे
विवेक सिंह की पार्थिव देह आज ग्राम पहुंची तो हर तरफ रूदन के स्वर सुनाई दिए। ग्राम में सैन्य सम्मान के साथ विवेक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
छोटा भाई भी आर्मी में
शहीद हवलदार विवेक सिंह तोमर के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह तोमर भी आर्मी में जवान हैं। धर्मेंद्र ने बताया कि हमारे पास गांव में सड़क किनारे जमीन नहीं है। इसलिए आज एसडीएम कार्यालय में अंतिम संस्कार करने के लिए रुअर गांव में सड़क किनारे जमीन की मांग की है। हम चाहते हैं कि वहां भाई के नाम पर शहीद पार्क बनाया जाए। वहां से गुजरने वाले लोग देखें और भाई के सेना में शहीद होने पर गर्व महसूस करें।
डॉक्टर बनाने की थी बेटों को हसरत
विवेक के पिता हरी सिंह तोमर रिटायर्ड शिक्षक हैं। विवेक अपने दोनों बेटे अर्धमन (15) और हर्षवर्धन (11) को डॉक्टर चाहते थे। दोनों ही ग्वालियर में अपनी मां के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। बड़ा बेटा 10वीं कक्षा में और छोटा 7वीं में हैं।

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