शिवपुरी । दुनिया के हर देश में परिवार होता है, जिसमें माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चे और कई रिश्ते जुड़े होते हैं। हर शख्स के लिए परिवार अहम भूमिका निभाता है। अमीर हो या गरीब, अपराधी हो या कोई अधिकारी परिवार तो हर किसी के जीवन का एक जरूरी हिस्सा है। परिवार की इसी भूमिका को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है। ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल का जो की ग्राम भड़ा भावड़ी एवम जामखो में इंटरनेशनल परिवार दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रोग्राम में बोल रहे थे । उन्होंने आगे कहा की सशक्त देश के निर्माण में परिवार एक अभूतपूर्व संस्था है, जो व्यक्ति के विकास के साथ ही समाज के विकास में योगदान देता है। भारत जैसे देश में रिश्ते-परिवार को बहुत ही सम्मान दिया जाता है। ऐसे में लोग अपने परिवार के साथ यह दिन यादगार तरीके से मनाते हैं। लेकिन जब पूजा ने समुदाय से पूछा की क्या आपको पता है कि विश्व परिवार दिवस मनाने की शुरुआत कब और क्यों हुई? तो कोई भी उत्तर नही दे पाया। फिर पूजा ने बताया की हर साल 15 मई को परिवार दिवस मनाया जाता है। परिवार की उपयोगिता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने का फैसला लिया था। पहली बार विश्व परिवार दिवस 1994 में मनाया गया था। हालांकि इस दिन की नींव 1989 में ही रख दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जीवन में परिवार के महत्व को बताने के उद्देश्य से 9 दिसंबर 1989 के 44/82 के प्रस्ताव में हर साल अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाने की घोषणा की थी। बाद में साल 1993 में यूएन जनरल असेंबली ने एक संकल्प में परिवार दिवस के लिए 15 मई की तारीख तय कर दी। इसके बाद से हर साल 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाने लगा। प्रोग्राम में प्रमोद ने कहा की
विश्व परिवार दिवस को मनाने की शुरुआत करने के पीछे की वजह दुनियाभर के लोगों को परिवार से जोड़े रखना और परिवार से जुड़े मुद्दों पर समाज में जागरूकता फैलाना था। हर साल इस दिन को मनाकर युवाओं को परिवार की अहमियत के बारे में बताया जाता है। आज शहरी क्षेत्रों के साथ साथ गांव में भी परिवार टूट रहे है जो की चिंताजनक है उन्होंने कहा की परिवार अलग अलग विचार, पसंद के लोगों को एकजुट करता है। लोगों के आपसी मतभेदों को भुलाकर प्रेम से रहने के लिए प्रेरित करता है और भावनात्नक तौर पर परिवार एकदूसरे का सहारा देने व अकेलेपन को दूर करने का काम परिवार ही करता है। प्रोग्राम में आधा सैकड़ा गांव के परिवारों के सदस्यों के साथ साथ शक्ती शाली महिला संगठन की पूरी टीम ने भाग लिया।

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