पहले अध्यक्ष को लेकर हुई सर फुट्टवल
कांग्रेस में जिलाध्यक्ष की घोषणा के समय भी सीनियर लीडर श्री प्रकाश शर्मा और विजय सिंह चौहान के बीच तलवार खिंच आई थीं। युद्ध विराम किन शर्तों पर हुआ हैं ये पार्टी जाने लेकिन दोनों ऊंट एक करवट आज भी नहीं बैठे हैं। ये किनाराकशी प्रेस वार्ता में भी दिखाई दी।
लिस्ट अटकी, फिर संशोधन से हुई जारी
कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही टकराहट के बाद लिस्ट जारी किए जाने को लेकर हंगामा हो गया जब भोपाल से लिस्ट ब्रेक कर दी गई। बाद में संशोधन के बाद लिस्ट जारी की गई। उसमें भी कई नाम ऐसे हैं। जो द ग्रेट सिंधिया के शिवपुरी आगमन पर सेकडो कार्यकर्ताओं के साथ उनका कुछ ही दिन पहले झांसी रोड पर स्वागत करते दिखाई दिए थे। द ग्रेट सिंधिया के बाद आईसीयू में पार्टी
जिले की बात करें तो कांग्रेस की जिले में रीढ़ की हड्डी उसी समय टूट गई जब द ग्रेट सिंधिया पार्टी छोड़कर चले गए। तभी से आईसीयू में आई कांग्रेस वेंटीलेटर छोड़ने की कवायद में जुटी हैं लेकिन मुट्ठी भर पार्टीजन एक नहीं हो पा रहे।
जिनको कमल पर शक वे थामेंगे हाथ
जिले में पिछोर रिजर्व हैं यहां कांग्रेस के कद्दावर महारथी केपी सिंह ककाजू मोजूद हैं लेकिन उसके बाद कांग्रेस को चेहरों की तलाश हैं। ऐसे में बीजेपी से निराशा की उम्मीद पाले नेता हाथ थाम सकते हैं। लेकिन पूर्व सीएम कमलनाथ ने साफ कहा हैं की जिसको आना हैं आए लेकिन टिकिट की कोई गारंटी नहीं हम जीतने वालों को ही टिकिट देंगे। ऐसे में करबट बदलने की सोच रहे नेताओं का बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा। इधर बीजेपी के कुछ नेताओं ने अपने आकाओं का ध्यान खींचने के लिए दल बदल का राग अलापना शुरू किया हैं। तो कुछ पीछे से भोपाल तक दौड़ भी लगाने में जुटे हुए हैं।

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