Dhamaka Badi Khabar: Tigers will be seen on the new 9 km road with ready selfie points in shivpuri Madhav National Park from October 1
शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में सीएम शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा जंगल में छोड़े गए टाइगर 26 साल बाद पर्यटक 1 अक्टूबर से देख सकेंगे। वो भी नए रूट पर जाने के बाद आपको टाइगर नजर आया करेंगे। 9 किमी तैयार किए गए इस नए रास्ते पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पार्क में सेल्फी प्वाइंट के साथ-साथ बोटिंग की सुविधा भी दी जाएगी। इस प्रकार पुराने रूट को मिलाकर पर्यटकों को 18 किलोमीटर लंबी सफारी करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए पार्क प्रबंधन तेजी से तैयारियां कर रहा है। पार्क प्रबंधन अब झांसी रोड की ओर से पार्क में पर्यटकों को प्रवेश कराने की तैयारी कर रहा है। नए रूट से पर्यटकों को जंगल में 9 किमी अंदर ले जाया जाएगा और वापस लाया जाएगा। बता दें की अभी तक पर्यटकों को वन विद्यालय के पास स्थित गेट नंबर तीन से पार्क में प्रवेश दिया जा रहा है और इस रूट से पर्यटकों को 3.9 वर्ग किलोमीटर में फैली चांदपाठा झील के साथ जॉर्ज कैसल कोठी देखने को मिलती है लेकिन नए रूट पर यह देखने को नहीं मिलेंगे।सिंध में कर सकेंगे नौकायन
नए रूट पर तीन-चार आकर्षक स्पॉट तैयार किए जा रहे हैं। इनमें सेल्फी प्वाइंट भी होंगे। इस रास्ते से पर्यटकों को पहली बार सिंध नदी तक ले जा जाएगा जहां वे पूरी सुरक्षा के साथ वोटिंग कर सकेंगे।
दस मार्च को सुनाई दी थी दहाड़
माधव नेशनल पार्क में 10 मार्च 2023 को सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बांधवगढ़ से लाई गई एक मादा टाइगर व सतपुड़ा से लाए गए एक नर टाइगर को बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद 13 मार्च की रात पन्ना से लाई गई एक और मादा टाइगर को बाड़े में छोड़ा गया। फिर 20 मार्च को नर टाइगर को खुले जंगल में छोड़ा गया। 21 मार्च को बांधवगढ़ से लाई गई मादा टाइगर को छोड़ा गया। 25 मार्च को पन्ना से आई मादा टाइगर को भी खुले में छोड़ दिया गया।
नया आशियाना माता मंदिर के पीछे
वर्तमान में तीनों टाइगर ने बलारपुर माता मंदिर के पीछे के जंगल में अपना क्षेत्र बना रखा है। उनका नया आशियाना लंबे समय से यहीं हैं।
एक समय थे दस टाइगर
माधव नेशनल पार्क में पूर्व केंद्रीय माधवराव सिंधिया की पहल पर टाइगर सफारी तैयार की गई थी। देश के साथ विदेशी सैलानी शिवपुरी आते थे। डाकुओं की मोजुदगी के बाद भी पर्यटकों का आना होता था। साल 1990 तक टाइगर सफारी रही और तब यहां तारा, पेटू नाम सहित अलग अलग नाम के 10 टाइगर थे। इसके बाद इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। यहां 1996 में आखिरी टाइगर देखा गया था। माना जा रहा हैं की अब डाकुओं का कोई खोफ जिले में तो क्या प्रदेश में नहीं हैं इसलिए शिवपुरी को रण थंबोर की तरह पर्यटकों का अच्छा ट्रैफिक मिल सकेगा। जिसका असर होटल इंडस्ट्रीज रुकने, खाने के साथ परिवहन, ऑटो रिक्शा से लेकर अन्य बाजार भी चल निकलेंगे।
ये बोले अधिकारी
अक्टूबर महीने के अंत तक या नवंबर माह की शुरुआत में सैलानी नेशनल पार्क में टाइटर देख सकेंगे। नए रूट को लेकर प्लानिंग चल रही है, इसके लिए ग्राउंड पर काम जारी है।

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