( आंख ऊपरी सतह) में छेद करके अंदर तक जा चुका था और मरा नहीं बल्कि चोबीस घंटे बाद भी जिंदा था। वह बार-बार अंदर और बाहर हो रहा था जिससे बच्चे को असहनीय पीड़ा हो रही थी। इसके बाद जब डॉक्टर ने कीड़ा निकालने का प्रयास किया तो 15 मिनट तक उसके बाहर आने का इंतजार करना पड़ा। इसके लिए आंख में दवा और सलाइन भी डालना पड़ी। कुशलता की बात ये रही की आखिर कीड़ा बाहर निकालकर बच्चे की जान बचा ली गई। दरअसल एक तीन वर्ष के बच्चे की आंख में खेलते समय कीड़ा घुस गया था। कीड़ा न सिर्फ आंख में घुसा, बल्कि आंख की ऊपरी पतर में छेद करके अंदर चला गया। कीड़ा आंख में 24 घंटे तक जीवित रहा जिसे चिकित्सक ने बमुश्किल बाहर निकाला। कीड़ा निकालने वाले चिकित्सक डा. गिरीश चतुर्वेदी ने बताया कि इस तरह का मामला पहली बार मेरे सामने आया है। जब आंख में कीड़ा इतने लंबे समय तक जीवित रहा हो।(देखिए कीड़ा किस तरह बच्चे की आंख में जा घुसा)
पवा बसई के रहने वाले वीरेंद्र आदिवासी ने बताया कि सोमवार की रात उसके तीन साल के बेटे कुलदीप की आंख में कीड़ा चला गया था। सुबह तक आंख में सूजन आ गई। हमें लगा कि चीटीं ने काटा है, लेकिन जब दर्द बढ़ा और देखा तो अंदर कीड़ा दिखाई दिया। इसके बाद गांव के पास में एक डाक्टर को दिखाया तो उसने शिवपुरी ले जाने की सलाह दी। यहां पर जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. गिरीश चतुर्वेदी को दिखाया। जब डा. चतर्वेदी ने बच्चे की आंख की जांच की तो वे भी हैरान रह गये क्योंकि कीड़ा मीडियल कैंथस
( आंख ऊपरी सतह) में छेद करके अंदर तक प्रवेश कर गया। वह बार-बार अंदर और बाहर हो रहा था जिससे बच्चे का असहनीय पीड़ा हो रही थी। इसके बाद जब कीड़ा निकालने का प्रयास किया तो 15 मिनट तक उसके बाहर आने का इंतजार करना पड़ा। इसके लिए आंख में दवा और सलाइन भी डालना पड़ी।
20 हजार सर्जरी में पहला ऐसा केस: डा. गिरीश चतुर्वेदी ने कहा कि मैं अब तक आंख की करीब 20 हजार सर्जरी कर चुका हूं, लेकिन पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। देखकर हैरानी हो रही थी कि किस तरह से कीड़ा आंख के अंदर तक जा सकता है और इतने लंबे समय तक वह जीवति भी रहा। बहरहाल अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी आंख में भी कोई परेशानी नहीं है।

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