रन्नौद। ग्राम रन्नौद घिलौंदरा में आयोजित भव्य श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में पण्डित श्री वासुदेव नंदिनी भार्गव ने भगवान श्रीराम के चरित्रों का गुणानुबाद करते हुए कहा की राम जी को पुत्र रूप में पाने की दशरथ कौशल्या जी ने कैसी घोर तपस्या की। तब भगबान बेटा बनकर आए लेकिन वही जनक जी को बिना किसी अथक प्रयास के राम मिल गए क्यू? क्योंकि जनक जी ने श्री सीता जी की शरणांगति ले रखी थी। जानकी जी भक्ति सरूपा है और भगवान कहते हैं जिसका भक्ति से संबंध है उसे मुझ तक आना नही पड़ता में खुद उसके पास चला जाता हूं।

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