भोपाल। विधानसभा चुनाव के करीब आते ही प्रदेश में दलबदल का दौर तेज हो गया है। अब तक भाजपा से करीब 70 नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, इनमें से 15 ऐसे हैं जो वर्तमान विधायक, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक हैं। इससे कांग्रेस में भी खलबली है। जिन क्षेत्रों के नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, वहां के पुराने स्थानीय नेताओं को चिंता सता रही है कि हमारी दावेदारी खत्म ना हो जाए। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि अन्य दलों से आ रहे नेताओं को टिकट स्थानीय नेताओं की सहमति के बाद ही मिलेगा। रविवार को नर्मदापुरम के पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा कांग्रेस में शामिल हो गए। गिरजाशंकर शर्मा को नर्मदापुरम में टिकट का दावेदार माना जा रहा है। उनके साथ टीकमगढ़ के नेता भक्ति तिवारी ने भी कांग्रेस की सदस्यता ले ली। तिवारी भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी देवास जिले से दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेस में लौटे कोलारस विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी, राकेश गुप्ता, जितेंद्र जैन, बैजनाथ यादव को भी दावेदार माना जा रहा है। खैर फिलहाल कमलनाथ का ये बयान पुराने कांग्रेसियों के लिए बूस्टर का काम करेगा।
सीएम को चुनाव आते ही सारे वर्ग याद आ गए : कमलनाथ
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को टीटी दशहरा मैदान में कुशवाहा समाज समागम में कहा कि मुख्यमंत्री को 18 सालों में कर्मचारी, बहनें आदि कभी याद नहीं आए, चुनाव आते ही सारे याद आ गए। मैंने अपनी सरकार में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण दिया था। समाज के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा ने सभी राष्ट्रीय पार्टियों से समाज के लिए 25-25 टिकट मांगे।

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