*महल की ख़ूबसूरती देखकर हतप्रभ हुए विदेशी मेहमान
*ग्वालियर किले की भव्यता ने राजदूतों का मन मोहा
Gwalior ग्वालियर। शहर में हाल ही में सम्पन्न हुए *उद्भव उत्सव* में पधारे विशेष अतिथि *अक़्सर बेशिमोव (भारत में किर्गिजस्तान के राजदूत) एवं निकोले यानकोव (भारत में बुल्गारिया के राजदूत)* ने सपरिवार ग्वालियर किले और जय विलास संग्रहालय का भ्रमण किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने इन प्रमुख परिसरों की सुंदरता और महत्व को करीब से महसूस किया। जय विलास पैलेस पहुँचने पर निदेशक गायत्री सिंह और उद्भव इंडिया से हरीश पाल ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और पुष्पहार भेंट किये।
संग्रहालय की भव्यता और सुंदरता देखकर अतिथिगण अचंभित हुए। वहां उपस्थित राजवंश की धरोहरों और कलाकृतियों ने विदेशी मेहमानों का मन मोह लिया और वे कलाकृतियों को देर तक अपलक निहारते रहे । सभी अतिथियों ने वहां उपस्थित एक- एक चीज़ का अवलोकन किया। चाहे नवनिर्मित मराठा गैलरी हो या चाँदी की बग्गी हो या फिर अमूल्य फर्नीचर, वस्त्र, गहने, हथियार। दरबार हॉल के विशाल झूमर और चाँदी की ट्रेन से सुसज्जित विश्व प्रसिद्द डाइनिंग हॉल को देखकर विदेशी मेहमान दाँतों तले ऊँगली रखने को मजबूर हो गए। उन्होंने विदा लेते समय महल की निदेशक गायत्री सिंह एवं सभी कर्मचारियों का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।
तत्पश्चात सभी अतिथि ग्वालियर के आलीशान किले का भ्रमण करने निकले, जो भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। उन्होंने इस प्राचीन किले के ऐतिहासिक महत्व और शौर्य के अद्वितीय संदर्भ को विस्तारपूर्वक समझा। किले की महाकाव्यिक शैली और उसकी गुफाएं, संगीत का महल और संग्रहित असली राजाओं एवं योद्धाओं की सामग्री के आकर्षण ने अतिथियों को अचंभित कर दिया। उन्होंने इस किले की सुरक्षा, रखवालों के योगदान और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी ली। किले के बारे में प्रचलित किस्से और कहानियों को भी ध्यानपूर्वक सुना और ढेर सारी यादें संगृहीत की । दोनों राजदूतों की पत्नियों ने ग्वालियर शहर के साथ -साथ महल और किले की मीठी यादों को अपने कैमरे में समेटा । अंत में उद्भव संस्था के अध्यक्ष डॉ केशव पांडेय एवं सचिव दीपक तोमर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उद्धभव उत्सव में उन्हें आमंत्रित किया और सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक शहर ग्वालियर को देखने का मौका दिया ।
बुल्गारिया के राजदूत की दिल्ली के बाहर पहली यात्रा
बुल्गारिया के राजदूत निकोले यानकोव ने बताया कि उन्होंने अभी दो महीने पहले ही कार्यभार संभाला है और व्यस्तता के चलते अभी दिल्ली के आलावा कहीं भी नहीं घूम पाए हैं। भारत में ग्वालियर उनकी पहली आउटडोर यात्रा है जिसमें उन्हें पत्नी के साथ कुछ हसीन पल गुजारने का मौका मिला। उन्होंने भारत में मनाये जाने वाले त्यौहार करवा चौथ के बारे में भी पूरी जानकारी ली और इसे सुनकर वे अत्यंत प्रसन्न हुए। उनकी पत्नी ने कहा कि भारत की महिलाएं वास्तव में अद्भुत हैं जो दिन भर बिना अन्न जल ग्रहण किये अपने पति की आयु के लिए ये जटिलतम उपवास करती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कर्ति, पर्व, कला और ज्ञान को नमन किया और यहाँ के नागरिकों को बुल्गारिया में पर्यटन हेतु आमंत्रित किया।

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