योगी से कम नहीं यादव के तेवर
आपको बता दें की यूपी के सीएम आदित्यनाथ की तरह डॉक्टर मोहन यादव भी हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर हैं। आपको याद होगा उज्जैन का वो माइक वाला वीडियो जो आज उनकी शपथ के साथ खूब वायरल हो रहा हैं। यानी की प्रदेश में हलचल कुछ अलग अंदाज में देखने को मिल सकती हैं।
मुख्यमंत्री बनने से पहले 41 वर्षों का संघर्ष
डॉ. मोहन यादव को मंत्री पद तक पहुंचने के लिए 41 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला। कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैं। 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं।1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया। 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें। 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने। पहली बार 2013 में वह विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उनपर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं, जो की वर्ष 2013 में पहली बार इस क्षेत्र से विधायक बने थे, जिसके बाद वर्ष 2018 में फिर इसी विधानसभा सीट से विजय श्री हुए। उन्होंने 2 जुलाई 2020 को शिवराज सरकार मे उच्च शिक्षा मंत्री की शपथ ली थी। जिसके बाद 3 दिसंबर 2023 को वे लगभग 13000 मतों से उज्जैन दक्षिण क्षेत्र से विजय श्री घोषित हुए थे।
उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं मोहन यादव
उम्र- 58 वर्ष
शैक्षणिक योग्यता- बी.एस.सी. एल-एल.बी., एम.ए. (राजनीति विज्ञान), एम.बी.ए. और पी.एच.डी.
राजनीतिक करियर- 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव, 1984 में अध्यक्ष
2013 में विधायक बने
2018 में दूसरी बार चुनाव जीतकर उच्च शिक्षा मंत्री बने
इनके भाग्य का आसमान धुंधला
फिलहाल यह साफ नहीं है कि केंद्रीय राजनीति से प्रदेश में लाए गए प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और शिवराज सिंंह चौहान की अगली सरकार में क्या भूमिका रहेगी? आने वाले दिनों में स्थिति साफ हो सकती है। फिलहाल आज हुई घोषणा ने प्रदेश वासियों को अचंभित किया।
सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया
प्रदेश में सीएम चयन को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने मिली। कुछ लोगों ने कहा ये संघ है इसके आगे किसी की नहीं चलती इसलिए संघ प्रिय मोहन यादव की ताजपोशी हुई हैं। तो कुछ लोगों ने कहा केंद्र के होने वाले चुनाव में यूपी को पूरी तरह साधने के लिए यादव वोट पर बीजेपी की नजर हैं इसलिए मोहन ही स्वीकार्य लेकिन चुनाव के बाद बदलाव संभव। तो कुछ लोगों ने कहा मामा के जाने का असर केंद्र के चुनाव में देखने को मिलेगा 29 नहीं 19 आयेंगी। कुल मिलाकर तीखी और हल्की फुल्की गेंदबाजी जारी हैं।
पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनावों पर
बीजेपी का पूरा फोकस अब राष्ट्रीय राजनीति यानी 2024 के लोकसभा चुनावों पर है और पार्टी का लक्ष्य राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करना है। पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में छिंदवाड़ा छोड़कर राज्य की 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार क्या होगा देखने काबिल हैं।
वरिष्ठ नेता भी थे साथ
भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता डॉ. मोहन यादव ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की। पार्टी की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी पर्यवेक्षक व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ, के लक्ष्मण, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, विधायक नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल व प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल उपस्थित थे।
शीर्ष नेतृत्व का आभार जताता हूं
मैं विधायक दल के नेता चुने गए मोहन यादव ने कहा कि मैं शीर्ष नेतृत्व का आभार जताता हूं। उन्होंने मुझे बड़ी जवाबदारी दी है। मुझ पर विश्वास जताया है, ये भाजपा ही है जो एक छोटे से कार्यकर्ता को यहां तक पहुंचा सकती है। एमपी के मन में मोदी के मन में मोदी इसी थीम पर काम करेंगे। इसके बाद मोहन यादव प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ भाजपा ऑफिस से रवाना हो गए।
खुद का नाम सुनकर चौंक गए
संजय पाठक ने कहा कि भाजपा में छोटे कार्यकर्ता को शीर्ष पर पहुंचाया जाता है। पार्टी हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लेती है। उन्हें खुद नहीं पता कि वे सीएम बनने जा रहे हैं। वे आज मेरे पीछे बैठे थे, वे खुद अपना नाम सुनकर चौंक गए। आज बीजा रोपण हुआ है। वहीं, रीति पाठक ने कहा कि हम सबके लिए हर्ष का विषय है। अपने नाम पर कहा मैं तो एक छोटी सी कार्यकर्ता हूं।
मोहन यादव के सीएम बनने के ये हैं पांच प्रमुख कारण प्रमुख
*आरएसएस की पसंद- मोहन यादव आरएसएस खेमे से हैं। विद्यार्थी परिषद से राजनीति में आए। सीएम के नाम में संघ का समर्थन मिला।
*ओबीसी चेहरा- आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में ओबीसी चेहरे को ही प्राथमिकता में रखा। मध्य प्रदेश में ओबीसी की संख्या 50 प्रतिशत के करीब है। ओबीसी होने का फायदा मिला है।
*यादव कार्ड- प्रदेश के ग्वालियर चंबल, बुंदेलखंड और निमाड़ में यादव वोटरों को साधा। साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी प्रभाव है। देश भर में करीब 12 करोड़ वोटर हैं।
*नई लीडरशिप को बढ़ावा- प्रदेश में बदलाव की रणनीति पर केंद्रीय नेतृत्व आगे बढ़ा। दिग्गजों के नाम के बीच युवा नई लीडरशिप में मोहन यादव को मौका मिला। यादव 58 साल के हैं।

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