आपको बता दें कि एमपी का जहां तक सवाल हैं तो विधानसभा की आज की तस्वीर और चार महीने पुरानी तस्वीर में बड़ा अंतर है। एक समय बीजेपी की विदाई तय मानी जा रही थी लेकिन इसी बीच ट्रंप कार्ड लाडली बहना खेला गया जो सुपर हिट रहा तो दूसरी तरफ बीजेपी ने सांसदों को चुनाव लड़ाने का नया प्रयोग किया। फिर पार्टी के बम वर्षक अमित शाह की रणनीति, पीएम से लेकर शाह, द ग्रेट सिंधिया और सीएम शिवराज की सभाओं ने बाजी पलट दी। उधर सत्ता की सीढी चढ़ती दिखाई दे रही कांग्रेस कुर्ता फाड़ने जैसे सार्वजनिक बयानों से आम मतदाता के बीच एक बार फिर शंकित होकर रह गई जिसके नतीजे सामने हैं।
अब नूरा कुश्ती की नौबत, सामने केंद्र के चुनाव
अभूतपूर्व विजय के बाद अब बीजेपी में सिंहासन की होड़ लगी हुई हैं। जिन सांसदों को एमएलए बनना पड़ा अब उनकी भृकुटी सीएम के लिए तनी हुई जान पड़ रही हैं। किसी नेता के समर्थक बॉस के पोस्टर लगा रहे हैं। जबकि कुछ दिल्ली की लगातार यात्रा कर पार्टी अध्यक्ष नड्डा जी और अमित शाह के बंगलों को फूलों की खुशबू से महका चुके हैं। यह देख आलाकमान को भी समझ आ गया की अगर सीएम चयन में कोई चूक हुई तो गुटबाजी से लेकर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी असर दिखाई दे सकता हैं।
महिला सीएम या डिप्टी सीएम, यानी लाडली बहना
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो महिला आरक्षण और हाल ही की सुपरहिट लाडली बहना स्कीम के फेर में बीजेपी महिलाओं को सीएम या डिप्टी सीएम से नवाज सकती हैं। जिससे देश भर में मातृशक्ति के वोट fix हो सकते हैं!

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