राम कीनह चाहै सोई होई करई अन्यथा आस नहीं कोई
करैरा। करैरा की पवित्र पावन तपो भूमि बाबा भानगिरी बाबा का बाग करैरा में हो रहे श्री राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिवस श्री राम कथा कहते हुए कथावाचक अंकुश तिवारी जी ने बताया कि जिस दिन मनुष्य भगवान पर मन में संशय कर लेता है उसी दिन से उसका विनाश शुरू हो जाता है इसलिए कभी प्रभु की सत्ता पर नहीं करना चाहिए , श्री तिवारी जी ने भगवान शिव व पार्वती जी का संवाद सुनते हुए कहा कि पार्वती जी के मन में भगवान के प्रति संशय तब आया जब प्रभु श्री राम लक्ष्मण जी सहित सीता जी को वन में खोजते हुए घूम रहे थे तब मां पार्वती जी उन्हें पहचान नहीं सकीं और उन्होंने उन पर संसय किया। जिस कारण से भगवान शिव ने पार्वती जी का त्याग कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप सती जी को अपना शरीर त्यागना पड़ा ,सती जी ने भगवान शिव का जब अपने पिता दक्ष के यज्ञ में कहीं स्थान नहीं देखा तब उन्होंने अति क्रोधित होकर अपना शरीर यज्ञ की अपनी अग्नि में भस्म कर दिया तब भगवान शिव ने अपने गणों को भेज कर दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया लेकिन सभी देवताओं के निवेदन पर भगवान शिव ने यज्ञ को सम्पन्न भी कराया,इसलिए कहा गया है कि राम कीन्ह चाहई सोई होई ,करई अन्यथा अस नहीं कोई।

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