जब आनंद की अंतिम यात्रा रवाना हुई तो उसमें सम्मिलित होकर न सिर्फ अर्थी को कांधा दिया। ये देखकर गुना के लोग बोले, इसी इंसानियत की बेमिसाल दास्तान हैं द ग्रेट सिंधिया, इसीलिए हमारे दिल के "महा""राज" हैं और हम उन्हें अपने परिवार का सद्स्य मानते हैं। जो अपना फर्ज सुख दुख दोनों में निभाता हैं। वास्तव में सिंधिया परिवार जनसेवा के लिए राजनीति करता हैं। समय समय पर हमको इस बात के उदाहरण देखने मिलते रहते हैं।

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