Responsive Ad Slot

Latest

latest

"किशोरियों में एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक भोजन करें, तनाव से दूर रहें"

गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

/ by Vipin Shukla Mama
बबीता कुर्मी महिला सामाजिक कार्यकर्ता ने जागरूकता शिविर को किया संबोधित
*किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) आम बात है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है
शिवपुरी। किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) आम बात है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है।  ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से समुदाय में किशोरी बालिकाओं को एनीमिया पर जागरूक करने के लिए ग्राम वन्हेरा खुर्द और राजपुरा गांव में आधा सैकड़ा किशोरी बालिकाओं को एनीमिया पर जागरूक किया जिसमे की 10 से 16 वर्ष की उम्र किशोरावस्था की होती है। यह उम्र बेहद संवेदनशील होती है, क्योंकि इस उम्र में हार्मोन में व्यापक बदलाव होने लगते हैं। मानसिक के साथ शारीरिक अंगों में भी बदलाव होते हैं। ऐसे में किशोर-किशोरियों के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं और जटिलताएं भी आती है। ये बातें संस्था  की बबीता कुर्मी ने समुदाय में किशोरी बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहीं। धर्म गिरी गोस्वामी ने बताया कि मां सबसे अच्छी सहेली की तरह होती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने गांव की आशा एवम आगमवाडी दीदी से संपर्क करें। इस मौके पर आंगनवाडी कार्यकर्ता स्नेहलता पटवा ने कहा की किशोरावस्था में कई प्रकार के व्यवहार में बदलाव होते हैं। किशोरियों ने महावारी की शुरुआत होती है, इस समय मन में कई प्रकार की बेचैनियां भी होने लगती है। इस दौरान हाइजीन का खासा ख्याल रखना चाहिए। आयरन युक्त भोजन करना चाहिए। देखा जाता है पौष्टिक भोजन नहीं मिलने के कारण किशोरियां एनीमिया की शिकार भी हो जाती हैं। इन बातों की दी गई जानकारी :
-ज्यादा चितित नहीं रहे, पर्याप्त नींद लें
-तनाव से दूर रहें।
-मन नहीं लगे तो अपने दोस्तों के साथ घूमे उनसे बातचीत करें
- छोटी मोटी बात पर भी गुस्सा नहीं करें
-अपने भावनाओं पर नियंत्रण रखें
-खुद को महत्वहीन नहीं मानें और चिड़चिड़ापन नहीं हों
-परिवार के लोगों से अलग-थलग नहीं रहे
-अधिक समय सोशल साइट पर नहीं दें प्रोग्राम में वन्हेराखुर्द किशोरी –रजमा आदिवासी, अंकिता आदिवासी, भगवती आदिवासी,प्रीति,मीना, आदिवासी, रेशमा आदिवासी,हसमुखी रुक्मणि,आदिवासी, रामवनेनी आदिवासी,रजनी आदिवासी ललिता।राजपुरा – किशोरी बालिकाएं रौनक आदिवासी,रजनी आदिवासी,
पपीता,गिरजा आदिवासी, सुमन आदिवासी,आस्था आदिवासी, संगम आदिवासी,रिचा आदिवासी,गुनगुन आदिवासी,प्रतिज्ञा आदिवासी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता–बिंद्रा आदिवासी सहायिका स्नेहलता पटवा , सहायिका विद्या यादव के साथ शक्ती शाली महिला संगठन की टीम ने भाग लिया।













कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129