*शासकीय उमावि शिक्षानगर मे किया वृक्षारोपण
ग्वालियर। गर्मी के मौसम मे हीट स्ट्रोक, सनबर्न और निर्जलीकरण जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में खुद को गर्मी से बचाने और शरीर को ठंडा रखने के लिए शीतली प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है। शीतली प्राणायाम और शीतकारी प्राणायाम पित्त दोष से उत्पन्न होने वाले अनेक रोगों भूख-प्यास ना लगना, लू लग जाना, मुंह सुखना, बेचैनी घबराहट, वायु गोला तथा अफरा आदि में लाभदायक होता है। इसके द्वारा उच्च रक्तचाप से भी मुक्ति मिल जाती है, शीतकारी प्राणायाम कफ रोगी वालों के लिए हितकर नहीं है। ये प्राणायाम योगाभ्यास के बाद करना चाहिए। उपरोक्त उदगार जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर ने पटवारियों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में योगाभ्यास के दौरान व्यक्त किए। श्री चाकणकर ने कहा कि शीतली प्राणायाम मस्तिष्क में होने वाले उथल-पुथल को दूर कर दिमाग को शांत रखता है तथाभावनात्मक उत्तेजना और मन की चंचलता कम करता है।पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।दिल के रोगों से बचाने में मदद करता है। इससे पूर्व विकासखंड योग प्रभारी अरुण शर्मा ने कॉमन योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया। शासकीय उमावि शिक्षानगर में आयोजित समर कैंप का अवलोकन कर विद्यार्थियों को योगाभ्यास का महत्व बताया तथा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय प्रांगण में जिला स्काउट संघ के तत्वावधान में वृक्षारोपण भी किया गया इस अवसर पर स्काउट संघ के जिला सचिव सुरेंद्र सिंह भदोरिया, शंकर सिंह विद्यालय के प्राचार्य जेसी प्रजापति तथा योग प्रभारी आदेश द्विवेदी के भी उपस्थित थे।









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