2007 में पहली बार मंत्री बने सिंधिया
2007 में पहली बार बने केंद्रीय मंत्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया को मई 2004 में फिर से इसी सीट से चुना गया और 2007 में केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया। इसके बाद 2009 में हुए चुनाव में वह लगातार तीसरी बार गुना सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे और इस बार उन्हें वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया। 2014 में, सिंधिया गुना से फिर चुने गए थे। लेकिन 2019 में उन्हें भाजपा के डा. कृष्णपाल सिंह यादव के मुकाबले हार झेलनी पड़ी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में ही एक गुट लगातार साइडलाइन करने की साजिश रचते रहा। आखिरकार 2020 में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली और भाजपा के टिकट पर राज्यसभा में पहुंच गए। इसके बाद 2021 में हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में उन्हें जगह मिली और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भाजपा के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़े हैं। उन्होंने ये चुनाव 540929 वोटों से जीता है।
सिंधिया ने दिया बयान
एक नई शुरुआत! 🇮🇳
माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के नेतृत्व में मुझे आज संचार मंत्रालय एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नई जिम्मेदारी एवं मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद। साथ ही सभी सम्मानित कार्यकर्ताओं एवं समस्त देशवासियों का भी धन्यवाद जिन्होंने सदैव मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद दिया है।
मेरा संकल्प है कि हम प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में संचार क्षेत्र के विस्तार को और व्यापक करेंगे तथा इसकी सरलता और सुलभता भी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही देश के गौरव "उत्तर पूर्वी क्षेत्र" में प्रगति की जो एक नई बयार चली है हम उसे और आगे लेकर जाएंगे तथा इस क्षेत्र को देश की अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करेंगे।
देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें