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#धमाका_न्यूज: "व्यवसायी, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता "रमेश अग्रवाल" और "मानवता संस्था" को समर्पित हुआ 10 वाँ प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान"

मंगलवार, 20 अगस्त 2024

/ by Vipin Shukla Mama
सार
*मोदी जैकेट निर्माण स्टार्टअप और अपना घर संस्था में जीवन समर्पण के लिए रमेश अग्रवाल को मिला प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान *मानवता संस्था को मुक्तिधाम के कायाकल्प और जिला अस्पताल में भोजन वितरण के 30 वर्षों के सेवा प्रकल्प के लिए मिला प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान किया 
*एक लंबा कालखंड गुजर जाने के बाद भी प्रोफेसर सिकरवार से शिवपुरी के नागरिकों का गहरा जुड़ाव उनके विराट व्यक्तित्व का परिचायक : रवींद्र कुमार चौधरी
*प्रोफेसर सिकरवार सर की याद में सुपर-30 जैसा कोई प्रकल्प शिवपुरी में प्रारंभ करना सच्ची श्रद्धांजलि होगी : अमन सिंह राठौड़
*उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान देने वाले शिक्षक-प्राध्यापक को प्रोफेसर सिकरवार की स्मृति में सम्मान देने का प्रस्ताव शासन को भेजूंगा : प्रोफेसर कुमार रत्नम
Shivpuri शिवपुरी। प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर को मैने तो देखा नहीं लेकिन इस कार्यक्रम में जिस तरह सभी प्रबुद्धजन पिछले कई घंटों से मोबाइल को भूलकर पूरे मनोयोग से कार्यक्रम को सुन रहे हैं और इतनी बड़ी संख्या में मौजूद है, कार्यक्रम शुरू होने से लेकर अभी तक संख्या बढ़ ही रही है, कम नहीं हुई है इतने वर्षों
बाद भी आप सबका उनसे यह जो गहरा जुड़ाव बना हुआ है उससे परिलक्षित होता है कि प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर का व्यक्तित्व और उनके जीवन की साधना कितनी विराट रही होगी। उक्त विचार मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान समारोह 2024 को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सेवा परिषद को रचनात्मक कार्यों से जुड़ी जिला प्रशासन से संबंधित किसी भी प्रकार के
सहयोग की आवश्यकता यदि लगती है तो हम चर्चा करके उस दिशा में कुछ बेहतर कर सकते हैं। 
एसपी अमन सिंह का भी प्रेरक उद्बोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर का जीवन विद्यार्थियों के जीवन निर्माण के लिए समर्पित था। उनकी स्मृति में संस्था को यहां सुपर-30 जैसा कोई प्रकल्प प्रारंभ करना चाहिए,
जिससे कि गरीब, जरूरतमंद विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शैक्षणिक मार्गदर्शन इस शहर में प्राप्त हो सके। यही प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रोफेसर कुमार रत्नम ने कहा 
उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक प्रोफेसर कुमार रत्नम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए और आयोजकों को नसीहत देते हुए कहा कि प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर के जीवन में समय के अनुशासन का विशेष महत्व था, कार्यक्रम के आयोजन में भी संस्था को समय के नियोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए और कार्यक्रम निर्धारित समय पर ही प्रारंभ होना
चाहिए। उन्होंने प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर की स्मृति में इस दिन रचनात्मक कार्यों और शिक्षण अध्यापन में उत्कृष्ट योगदान के लिए ग्वालियर चंबल संभाग के किसी प्राध्यापक, शिक्षक को तकनीकी औपचारिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद सम्मान प्रदान किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजने का वायदा इस कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से सभी के समक्ष किया। 
रासेयो के प्रो कंसाना ने कहा
जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक प्रोफेसर हरिशंकर सिंह कंसाना ने कहा कि प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सामाजिक समस्याओं और दूसरों को लेकर न केवल सहानुभूति रखते थे बल्कि उससे कहीं आगे बढ़कर उनका समानुभूति का भाव रहता था। वे समस्या की जड़ में जाकर उसके निराकरण के लिए लग जाते थे।
कार्यक्रम के संचालन की कमान प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार ने संभाली। स्वागत भाषण तरुण अग्रवाल ने दिया। प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर के जीवनवृत का रेखांकन
भरत भार्गव ने किया।  रक्षित निरीक्षक अरविंद सिंह सिकरवार ने प्रो सिकरवार के जीवन पर आधारित रचना प्रस्तुत की तो सदन तालियों से गूंजता रहा। 
प्रोफेसर सिकरवार सर के जीवन पर आधारित अनुभव-कथन प्रोफेसर पल्लवी गोयल ने रखा। आभार डॉ. आर.आर. धाकड़ ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में बतौर आयोजन समिति के संरक्षक के रूप में पोहरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक प्रहलाद भारती मंचासीन थे। 
इनको किया गया सम्मानित
*व्यवसायी, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल और मानवता संस्था को मिला 10 वाँ प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान 
*मोदी जैकेट निर्माण स्टार्टअप और अपना घर संस्था में जीवन समर्पण के लिए रमेश अग्रवाल को मिला प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान
प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सेवा परिषद द्वारा उद्यमी, व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल को इस बार का 10 वां प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान समर्पित किया गया। बदरवास जैसे एक छोटे से कस्बे में मोदी जैकेट निर्माण के स्टार्टअप और अपना घर संस्था में समर्पण के भाव से रमेश
अग्रवाल द्वारा किए जा रहे सेवाकार्यों के लिए उन्हें यह सम्मान समर्पित किया गया। रमेश अग्रवाल द्वारा बदरवास में मोदी जैकेट निर्माण कॉटेज इंडस्ट्री की नींव रखी गई। पहले वे दिल्ली में जिनसे माल लेते थे, बदरवास कस्बे में ही आपके स्टार्टअप कर देने के बाद स्थिति यह बनी कि दिल्ली में उन्हीं व्यापारी को अब आप माल
बेचते हैं। बदरवास में मोदी जैकेट के निर्माण का काम रमेश अग्रवाल द्वारा प्रारंभ किए जाने के बाद उनकी सफलता से प्रेरणा लेकर 60-70 और व्यापारियों ने भी यह व्यवसाय प्रारंभ कर दिया। आज बदरवास में स्थिति यह है कि यहां करीब 10000 मोदी जैकेट्स का निर्माण रोज हो रहा है। मोदी जैकेट निर्माण की ये कॉटेज इंडस्ट्री यहां जो प्रारंभ हुई है उसमें अंचल के करीब 5000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसमें से
ज्यादातर महिलाएं हैं। बदरवास से 50 किलोमीटर दूर तक अंचल में जैकेट बनने के लिए जाती हैं। साथ ही रमेश अग्रवाल ने 2017 में अपना घर आश्रम ट्रस्ट से जुड़कर अपना जीवन इस समय असहाय, दिन दुखी पीड़ित प्रभुजियों की सेवा में समर्पित किया हुआ है। महीने में 20-22 दिन आप प्रभुजियों की सेवा में बिताते हैं। वर्तमान में आप अपना घर आश्रम के अध्यक्ष हैं। अपना घर संस्था निराश्रित लोगों और पीड़ित मानवता की सेवा के लिए बिना किसी सरकारी सहयोग के समाज के सहयोग की
सामर्थ्य से संचालित होने वाली संस्था है। अपना घर निराश्रित आश्रम में वर्तमान में 142 प्रभुस्वरूप पीड़ित लोग हैं, जिनमें से 17 महिलाएं और 125 पुरुष हैं। 25 सीटर वृद्धाश्रम भी यहां अपना घर आश्रम में बनकर तैयार हो गया है जिसे रमेश अग्रवाल जी ने व्यक्तिगत रूप से अपने निजी पैसे खर्च करके बनवाया है।
04 बेड का एक हॉस्पिटल भी इसमें बनकर आपके रचनात्मक प्रयासों से बनकर तैयार होने जा है। अपना घर आश्रम के परिसर में ही एक महिला आश्रम का भवन भी बनकर तैयार हो गया है। इसी परिसर में एक निराश्रित आश्रम 200 बेड का निर्माण कार्य 01 करोड़ की लागत से अक्टूबर 2024 में प्रारंभ होने जा रहा है।
अपना घर आश्रम में प्रभुजियों की सेवा का व्यय वर्तमान में 06 लाख रुपए प्रतिमाह आता है। समाज से ही यह धन और सामग्री आती है। एकल अभियान, सरस्वती शिशु मंदिर, ग्राम भारती शिक्षा समिति जैसे सामाजिक प्रकल्पों से रमेश अग्रवाल का गहरा और सक्रिय जुड़ाव है। कोविड त्रासदी के समय पीपीई किट और मास्क का लाखों की संख्या में उत्पादन कर रमेश अग्रवाल ने पुलिस विभाग को निःशुल्क प्रदाय किए और ग्वालियर चंबल संभाग में सामाजिक संस्थाओं को न्यूनतम दर पर दूर-दूर तक उपलब्ध कराए। सेवाकार्यों के इस महनीय योगदान के लिए रमेश अग्रवाल को प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान से अलंकृत किया गया। 
*मानवता संस्था को मुक्तिधाम के कायाकल्प और जिला अस्पताल में भोजन वितरण के 30 वर्षों के सेवा प्रकल्प के लिए मिला प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान
मुक्तिधाम शिवपुरी के कायाकल्प, व्यवस्था संचालन और सौंदर्यीकरण के सेवाकार्य में महनीय योगदान के लिए तथा जिला अस्पताल शिवपुरी में विगत 30 वर्षों से रोगियों, उनके परिजनों और सहयोगियों के लिए भोजन वितरण के मिशन में लगी समाज सेवी संस्था 'मानवता' को वर्ष 2024 का 10 वां प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।
21 अक्टूबर 1994 से मानवता संस्था की शिवपुरी नगर में शुरुआत हुई थी। प्रारंभ में केवल चार लोगों सुरेश बंसल, राजकुमार बिंदल, बलदाऊ अग्रवाल और महेंद्र रावत ने कुल 1250 रुपए मिलाकर बर्तन भाड़े, भोजन बनाने के सामान खरीदकर जिला अस्पताल में रोगियों, उनके परिजनों-सहयोगियों को भोजन उपलब्ध कराने की शुरुआत की थी। पहले भोजन के लिए 2 रुपए का कूपन दिया जाता था। 3 साल तक यह व्यवस्था चली लेकिन फिर खुल्ले पैसों की
दिक्कत के चलते कूपन की राशि 5 रुपए  निर्धारित कर दी, जो आज भी 5 रुपए ही है। मानवता संस्था के सदस्य प्रतिदिन सुबह 07:30 बजे से 08:15 बजे तक जिला अस्पताल की दोनों मंजिलों के एक-एक वार्ड में जाकर मरीजों और उनके अटेंडर्स को कूपन बांटते हैं। फिर 11-12 बजे तक टेबिल कुर्सी पर बिठाकर थाली में परोसकर सम्मानजनक रीति से सभी को भोजन कराते हैं। भोजन में दो सब्जी, रोटी और चावल होते हैं। जिन मरीजों या अटेंडर्स पर 5 रुपए भी नहीं होते हैं, उन्हें निःशुल्क भोजन मानवता संस्था द्वार कराया जाता है। कूपन का प्रावधान केवल व्यवस्था की रचना के लिए, केवल
व्यवस्था बनाने के लिए है। व्यवस्था बनी रहे और भोजन की बर्बादी ना हो इसके लिए कूपन की व्यवस्था का स्वरूप बनाया गया है।वास्तविकता में भोजन उपलब्ध कराने की इस मुहिम में प्रति व्यक्ति 24-25 रुपए का व्यय आता है। जो कोई भी व्यक्ति भोजन ले जाना चाहता है तो उसको पैक करके संस्था द्वारा भोजन दिया जाता है। ठंड के दिनों में मानवता संस्था हॉस्पिटल में प्रतिदिन मरीजों और उनके अटेंडर्स के लिए पूर्णतः निःशुल्क रूप से चाय वितरित करती है। इस पूरे प्रकल्प का संचालन समाज के सहयोग से, जनसहयोग से होता है। संस्था के साथ जुड़े शहर के करीब 100 ऐसे सेवाभावी नागरिक हैं जो मासिक आधार पर एक निश्चित सहयोग राशि संस्था को उपलब्ध कराते हैं। कुछ सेवाभावी नागरिक प्रत्यक्ष आर्थिक सहयोग न कर, सामग्री के रूप में सहयोग प्रदान करते हैं।
 मानवता संस्था 100-125 लोगों को प्रतिदिन इस प्रकल्प के अंर्तगत भोजन कराती है। पिछले 30 वर्षों से मानवता संस्था मरीजों और उनके अटेंडर्स के बीच भोजन उपलब्ध कराने के इस सेवाभावी
प्रकल्प का निरंतरता के साथ, एक सातत्य के साथ संचालन करने में लगी हुई है।
 मुक्तिधाम के कायाकल्प, व्यवस्था संचालन और सौंदर्यीकरण का बीड़ा मानवता संस्था ने 2003 से उठाया हुआ है। मुक्तिधाम शिवपुरी में ऐसी व्यवस्था की रचना मानवता संस्था द्वारा खड़ी की गई है जिससे कि दुख की घड़ी से, इस कठिन समय से गुजरते से हुए और अधिक व्यवस्थागत दुख परिजनों को न हो। मुक्तिधाम शिवपुरी में अंत्येष्टि के लिए आवश्यक सामग्री और संसाधन जैसे लकड़ियां, कांस, कंडे, अर्थी, पंचरत्न की पुड़िया इत्यादि मानवता संस्था नाममात्र की न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराती है। उठावनी में आवश्यकता में आने वाली सामग्री जैसे गहला (मटकी), लकड़ी की तिपाई, फावड़ी, कपड़े की थैली जैसी अन्यान्य सामग्री मानवता संस्था नाममात्र के शुल्क पर उपलब्ध कराती है। राजा हरिश्चंद्र, रानी तारामति और कालू मेहतर की प्रतिमा की स्थापना मानवता संस्था ने मुक्तिधाम शिवपुरी में की है। श्रद्धांजलि भवन का निर्माण भी मानवता संस्था द्वारा जन सहयोग से मुक्तिधाम शिवपुरी में कराया गया है। इसी वर्ष मार्च 2024 में मुक्तिधाम शिवपुरी में रखीं लकड़ियों के स्टॉक सेंटर में आग लगने से करीब 02 हजार क्विंटल लकड़ियां, कांस, अंत्येष्टि/उठावनी से संबंधित अन्यान्य सामग्री इस अग्निकांड में जलकर खाक हो गई थी। करीब 7-8 लाख का नुकसान अग्निकांड की इस त्रासदी में हुआ, लेकिन मानवता संस्था ने जनसहयोग से तुरंत ही लकड़ियों और अन्यान्य सामग्रियों की उपलब्धता फिर से मुक्तिधाम शिवपुरी में सुनिश्चित कर दी।

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